आगरा : आगरा के एक मजदूर की पत्नी मजदूरी का कार्य करती थी. काम से वापस लौट रही थी इसी दौरान ऑटो से सड़क पर गिर गई और उसकी मौत हो गई. मजदूर महिला की मौत के बाद उसके तीन बच्चे अब अपनी मां को तलाश रहे हैं. बच्चे अक्सर अपने पापा से पूछते हैं “पापा मम्मी कहां है” लेकिन लाचार पिता उन बच्चों को कोई ना कोई बहाना बनाकर आश्वासन दे देता है. पिछले करीब तीन दिन से मजदूर महिला का पति उसके सास, ससुर और तीन छोटे बच्चे शहीद स्मारक में इस आस में बैठे हुए हैं कि श्रम विभाग की तरफ से श्रमिकों की दुर्घटना में मौत होने पर मिलने वाले मुआवजे की मदद उन्हें मिल जाए. और उनके बच्चों की पढ़ाई व परिवार का खर्चा किसी तरह से चल सके. सेवला नैनाना ब्राह्मण के रहने वाले बेलदार 35 वर्षीय कमल सिंह पुत्र उदय सिंह की पत्नी स्वर्गीय हीरा देवी बेलदारी का काम करती थी. रोजाना की तरह 24 नवंबर को वह अपने कम से वापस लौट रही थी. इस दौरान ऑटो में बैठी हुई थी और आगरा के कुर्रा मोड़ के पास ऑटो से सड़क पर गिर गई. जिससे उनकी मौत हो गई.
हीरा देवी के तीन बच्चे हैं. सबसे बड़ा दीपक 10 वर्षीय, निशांत 5 वर्षीय और प्रिया 3 वर्षीय. मां के जाने के बाद बच्चे रो रो कर अपने पिता से बस यही सवाल पूछते हैं की मां कब वापस आएगी. स्व हीरा देवी के पति कमल सिंह अपने पिता उदय सिंह और अपनी मां के साथ 6 दिसंबर से आगरा के शहीद स्मारक पर खुले आसमान के नीचे कड़कड़ाती ठंड में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. उनका कहना है कि मैं और मेरी पत्नी दोनों ही श्रम विभाग में पंजीकृत हैं. लेकिन मेरी पत्नी की मौत के बाद से हमें कोई भी आर्थिक लाभ नहीं मिला.
कमल सिंह ने बताया कि हमने जब धरना शुरू किया तो कुछ लोग हमसे हमारा शिकायत पत्र ले गए. और उन्होंने कहा कि शिकायत पत्र जिलाधिकारी को दे दिया है. लेकिन अभी तक कोई भी अधिकारी हमारी बात सुनने तक नहीं आया. हम चाहते हैं कि हमें सरकार की तरफ से मजदूरों को मिलने वाला मुआवजा प्रदान किया जाए. जिससे वह अपने परिवार और अपने बच्चों का लालन पालन कर सकें. आगरा मंडल के उप श्रम आयुक्त राकेश द्विवेदी का कहना है कि मजदूर कमल सिंह अपनी पत्नी की मौत की एफआईआर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ संबंधित दस्तावेज लेकर कार्यालय आ जाएं. उनकी संभव मदद की जाएगी.