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अलीगढ़ : कमांडो सचिन लौर को करगिल में शहीद हुए ताऊ की समाधि के बगल में दी जायेगी अंतिम विदाई

सचिन का पार्थिव शरीर टप्पल इंटरचेंज पर लाया जायेगा. जहां से सचिन का सम्मान के साथ उसके गांव ले जाया जायेगा. टप्पल इंटरचेंज पर सैकड़ों लोग श्रद्धांजलि देने के लिए तिरंगे झंडे के साथ मौजूद हैं. शहीद सचिन लौर का अंतिम संस्कार उनके ताऊ जी की समाधि के पास ही किया जाएगा.

अलीगढ़: जम्मू कश्मीर के राजौरी इलाके में आतंकी मुठभेड़ में शहीद अलीगढ़ के लाल सचिन लौर का शव शुक्रवार को सैन्य सम्मान के साथ गांव लाया गया. गुरुवार को सचिन लौर के शहीद होने की जानकारी मिलते ही टप्पल इलाके में मातम छा गया. मात्र 24 साल की उम्र में देश की सुरक्षा में अपनी जान न्यौछावर कर दिया.

ताऊ की समाधि के पास होगा अंतिम संस्कार

सचिन का शव टप्पल इंटरचेंज पर लाया जायेगा, जहां से सचिन का सम्मान के साथ उसके गांव ले जाया जायेगा. टप्पल इंटरचेंज पर सैकड़ों लोग श्रद्धांजलि देने के लिए तिरंगे झंडे के साथ मौजूद हैं. शहीद सचिन लौर का अंतिम संस्कार उनके ताऊ जी की समाधि के पास ही किया जाएगा. इस दौरान उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी. शहीद के पड़ोसी अश्वनी चौधरी ने बताया कि करगिल युद्ध के समय सामान की आपूर्ति करते समय सचिन के ताऊ मांगेराम 1999 में शहीद हो गए थे. उनका अंतिम संस्कार नागलिया गौरोला गांव के बाहर उनके खेत में किया गया था. उसी समाधि के करीब ही सचिन लौर का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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मुख्यमंत्री ने दी विनम्र श्रध्दांजलि

सचिन लौर की शहादत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने भी सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि राष्ट्र की सेवा में शहीद हुए जनपद अलीगढ़ निवासी पैरा कमांडो सचिन लौर को विनम्र श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने कहा है कि मेरी संवेदना शोक संतृप्त परिवार के साथ है. इस दुखद घड़ी में हम उनके साथ खड़े हैं. उन्होंने भगवान से दिवंगत पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने और शोकाकुल परिजनों को दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की है.

शहीद के शादी के कार्ड बांटने की तैयारी थी

शहीद सचिन की शादी 8 दिसंबर को मथुरा की मांट तहसील के अंतर्गत जैसेथा गांव में होना तय हुआ था. एक दिन पहले ही कार्ड छप कर आए थे. घर में शादी की खरीदारी के साथ ही कार्ड बांटे जाने की तैयारी चल रही थी. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. घर में शहनाई बजने से पहले मातम पसर गया. आखिरी बार सचिन अगस्त महीने में घर आये थे.

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तीन भाई बहनों में सबसे छोटा था

शहीद सचिन का बड़ा भाई नेवी में अफसर है. इस समय विवेक कोच्चि में तैनात है. और छोटे भाई की शादी को लेकर घर आया हुआ था. वही एक बड़ी बहन है. जिसकी शादी मथुरा इलाके ते रायपुर में हो चुकी है. सचिन के पिता रमेश चंद्र किसान है और मां भगवती हाउस वाइफ है. तीन भाई बहनों में सचिन सबसे छोटा था.

आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुआ

जम्मू कश्मीर के राजौरी में हुए एनकाउंटर में सेना के दो कैप्टन सहित पांच जवान घायल हुए थे. यह सभी गुरुवार को वीरगति को प्राप्त हुए थे. जिसमें टप्पल के गांव गोरौला निवासी पैरा कमांडो सचिन लौर भी शहीद हुए थे. गुरुवार को सुबह आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान सेना मुख्यालय से सचिन के घायल होने की सूचना दी गई थी. वहीं, कुछ देर बाद ही सचिन के शहीद होने की सूचना आई. गोरोला गांव में जब यह सूचना लोगों को मिली, तो आस पड़ोस के गांव के लोग शहीद के घर पर पहुंचना शुरू किया. इसके साथ ही सेना के अफसर भी सचिन के घर पहुंच कर परिवार वालों को ढाढ़स दिया. वहीं शहीद के पिता रमेश चंद्र ने बताया कि बेटा सचिन के राजौरी में शहीद होने की सूचना मिली थी. सचिन की 8 दिसंबर को शादी होनी थी, लेकिन उससे पहले ही वह शहीद हो गया.

इलाके में पसरा मातम

16 दिन बाद सचिन की शादी थी जिसको लेकर के घर की रंगाई पुताई और परिवार में खरीदारी का उत्साह था, लेकिन सचिन के शहीद होने की खबर मिलते ही परिवार में मातम छा गया. वधू पक्ष की ओर से सचिन के लिए बुलेट बाइक खरीदी थी लेकिन अब इसकी सवारी करने वाला शहीद हो गया.

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