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अस्पताल में भर्ती मरीजों के आहार पर लगा ग्रहण

बलिया : कोरोना संकट के बीच जिला अस्पताल में सुबह-शाम मिलने वाले भोजन पर भी ग्रहण लग गया है. दो-दो दिन से भर्ती मरीज को अस्पताल प्रशासन की तरफ से खाना नहीं दिया जा रहा है, जिससे या तो उन्हें भूखा रहना पड़ रहा है या फिर बिस्कुट, ब्रेड से काम चलाना पड़ रहा है. […]

बलिया : कोरोना संकट के बीच जिला अस्पताल में सुबह-शाम मिलने वाले भोजन पर भी ग्रहण लग गया है. दो-दो दिन से भर्ती मरीज को अस्पताल प्रशासन की तरफ से खाना नहीं दिया जा रहा है, जिससे या तो उन्हें भूखा रहना पड़ रहा है या फिर बिस्कुट, ब्रेड से काम चलाना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा दिक्कत उन मरीजों को है, जिनके पास कोई तीमारदार मौजूद नहीं है. लॉकडाउन के बाद से जिस सर्वोत्तम स्वास्थ्य सुविधा का जनपद के सीएमओ और सीएमएस दंभ भर रहे हैं, उन्हें वास्तविक सच्चाई को जानने की जरूरत है. ‘प्रभात खबर’ ने गुरुवार को भर्ती मरीजों का हाल जाना, तो लोगों ने अपनी परेशानियां बतायीं. कहा कि आम मरीजों को कोई पूछने वाला भी नहीं है. फोटो संख्या: 08तीन दिन से बिस्कुट खाकर मिटा रहे भूखकेस:1 सुखपुरा थाना क्षेत्र के गुरवां निवासी बीते सोमवार की शाम से जिला अस्पताल के नए भवत में भर्ती है, उनसे जब भोजन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उसको भोजन नहीं मिला है, उसके साथ जो तीमारदार आए थे, वे चले गए हैं. कुछ पैसा था जिसका बिस्कुट मंगवाकर खाए हैं. इस पर बाहर नर्स रूम में नर्स से जब पूछा गया तो पहले तो उन्होंने बड़े ही आत्मविश्वास के साथ कहा कि हां सुबह-शाम भोजन दिया जाता है.

लेकिन जब उनसे मरीज से रू-बरू करा दिया गया तो उन्होंने अपना बचाव करते हुए बताया कि सोमवार और मंगलवार को मैं ड्यूटी पर थी ही नहीं. फोटो संख्या: 09अस्पताल से भोजन मिला नहीं, घर से लाते वक्त पुलिस रोक दिएकेस:2 करीमुद्दीनपुर थाना जनपद गाजीपुर के एक 65 वर्षीय वृद्धा खुशिया देवी को बीते मंगलवार की शाम लकवा मार दिया था. परिजन उसे एंबुलेंस से भर्ती कराने के बाद बुधवार तक भोजन न मिलने के कारण बाहर से किसी प्रकार बिस्कुट लाकर भूख मिटाये. बुधवार तक जब अस्पताल प्रशासन की तरफ से खाना नहीं मिला तो वृद्ध के घर से आए हुए दो सदस्यों में एक घर से खाना लाने के लिए चला गया और दूसरा अस्पताल में ही रुक गया. उससे जब पूछा गया तो उसने बताया कि जो घर से खाना लाने के लिए गया उसका फोन आया कि घर से आते वक्त पुलिस ने उसे वापस घर पर ही लौटा दिये.सुबह दूध ब्रेड के साथ शाम को मिलता है रोटी, चावल, सब्जीगौरतलब हो कि जिला अस्पताल में भर्ती हर मरीज को अस्पताल प्रशासन की तरफ से सुबह और शाम भोजन दिया जाता है. सुबह के वक्त जहां दूध और ब्रेड देने का नियम है, वहीं सुबह बनी लिस्ट के आधार पर शाम के वक्त रोटी, चावल और सब्जी दिया जाता है. लेकिन अफसोस लॉक डाउन दिनों इन सारी चीजों पर मानो ग्रहण लग गया है.भोजन की कोई दिक्कत नहीं: सीएमएसअस्पताल में भोजन पर संकट के सवाल पर सीएमएस बीपी सिंह ने बताया कि भोजन की कोई दिक्कत नहीं है, सुबह शाम दोनों टाइम भोजन दिया जा रहा है. अब सवाल यह उठता है क्या बेड पर भर्ती मरीज झूट बोल रहे हैं या फिर अस्पताल प्रशासन अपनी कमी को छिपा रहे हैं.

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