बरेली : यूपी की पीलीभीत लोकसभा सीट से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने सरकार की लोन नीति पर सवाल खड़े किए.बोले, 3 दिन पहले दिल्ली के एक अखबार में न्यूज पढ़ी थी.उसमें यूपी के बुलंदशहर के एक किसान ने 2.50 लाख रुपये का लोन चुकाने को अपने शरीर के दो अंगों को बेच दिया.इसके साथ ही दूसरी एक खबर में देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों के 70 हजार करोड़ रुपये के लोन माफ किया गया था.पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र में दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे सांसद ने कहा कि जिनके पास अथाह पैसा है.उनका लोन माफ किया जाता है, लेकिन जिसके पास 2.50 लाख रुपये नहीं है.उनको लोन चुकाने के लिए अंग बेचने पड़ते हैं. यह कैसा भारत है.क्या गरीब का लोन माफ नहीं होना चाहिए ?.उन्होंने गरीबों को बहुत सारी सुविधाएं देने की बात कही.यह सिर्फ कहने की ही बात है.हकीकत में गरीबों की कोई भी सुनने वाला नहीं.सांसद ने कहा कि अगर,हम आम इंसान के संघर्ष को लेकर मौन हो जायेंगे,तो हमारा लोकतंत्र मौन की तरफ बढ़ जाएगा.यह सच्चाई है कि हिन्दुस्तान में बराबर की व्यवस्था कभी नहीं रही.यह भी सच्चाई मौजूदा समय में लोगों के सपने तो बड़े हो गए,लेकिन साकार करने के लिए रास्ते बढ़े नहीं हैं.
सांसद ने देश में बढ़ती हिंसा पर अफसोस जताया.बोले, लोगों के बीच बढ़ती खाई चिंता की बात है.सांसद ने कहा कि चार दिन पहले जब वह पीलीभीत आए थे,तो डीएम से लोन देने वालों की सूची मांगी.सूची देखी, तो बहुत कम लोगों को लोन दिया जाना पाया गया.मैंन लोगों से पूछा कि क्या आप लोगों को लोन की जरूरत नहीं हैं, तो गरीबों ने बताया कि लोन की जरूरत तो है, लेकिन देता कोई नहीं है. पांच छह बार दौड़ाने के बाद रुपयों की डिमांड की जाती है.सांसद ने ललौरीखेड़ा क्षेत्र में जनसभा की.उनका खमरिया पुल पर कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया.इसके बाद ललौरीखेड़ा क्षेत्र के डंडिया भिसौड़ी,भगवंतपुर,नांद पसियापुर, ऐमी,गहलुईया, गोंछ, कनाकोर, उमरसड़, रमपुरा उझैनिया, कल्याणपुर, और शिवपुरिया आदि गांव में जनसंवाद किया.इस दौरान सांसद सचिव कमलकांत, पीआरओ विवेक चौहान, अमित गंगवार, दीपक पाण्डेय, लवकुश यादव, अविषेक पांडेय, रुपेश गंगवार, सूरज शुक्ला, रमेश लोधी, निर्दोष गंगवार, राधे गंगवार, गुड्डू गंगवार, मनोज कटियार, अमित गंगवार, बंटी मिश्रा, सतीश पांडेय, सुमित मिश्रा, बबलू वर्मा, बालकराम वर्मा, नन्हेंलाल कश्यप, राजेश गंगवार, बुद्धि गंगवार, सुरेश श्रीवास्तव आदि मौजूद थे.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद