बरेली: पूर्व सांसद धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) को बुधवार को बरेली जेल से रिहाकर दिया गया. हाईकोर्ट ने जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर को धमकाने और रंगदारी मामले में उन्हें जमानत दी है. जौनपुर एमपी एलएलए कोर्ट ने उन्हें इस मामले में सात साल की सजा सुनाई थी. धनंजय ने हाईकोर्ट में सजा पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की थी. लेकिन उन्हें सिर्फ जमानत मिली है, सजा से राहत नहीं दी गई है. उधर जेल से बाहर आते ही धनंजय सिंह ने कहा कि मुझे फर्जी मामले में सजा हुई है. मेरी पत्नी जौनपुर से चुनाव लड़ रही है. सीधे क्षेत्र में जाना है.
सजा पर रोक लगाने की थी याचिका
एमपी एलएलए कोर्ट ने 2 अप्रैल 2022 को धनंजय (Dhananjay Singh) और सहयोगी पर आरोप तय किए थे. 5 मार्च 2024 को धनंजय समेत दो लोगों इस मामले में दोषी करार दिया गया. 6 मार्च 2024 को कोर्ट ने इस मामले में सात साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद उन्हें जौनपुर जेल भेज दिया गया था. धनंजय सिंह ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने 25 अप्रैल को याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला रिजर्व कर लिया था. 27 अप्रैल को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए धनंजय सिंह को जमानत दे दी थी. लेकिन हाईकोर्ट ने सजा पर रोक नहीं लगाई है. इसलिए वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. जिस दिन धनंजय सिंह को जमानत मिली थी, उसी दिन सुबह ही उन्हें जौनपुर से बरेली जेल शिफ्ट किया गया था.
पत्नी लड़ रही जौनपुर से चुनाव
जमानत के पेपर बरेली जेल पहुंचने के बाद धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) को बुधवार 1 मई को सुबह रिहाकर दिया गया. धनंजय सिंह बरेली से जौनपुर के लिए रवाना हो गए हैं. गौरतलब है कि जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल को धमकाने और रंगदारी के मामले में जौनपुर (Jaunpur News) की एमपी एमएलए कोर्ट ने धनंजय को सात साल की सजा सुनाई थी. इसके चलते वो लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित हो गए थे. अब उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी जौनपुर (Jaunpur Lok Sabha) से बसपा के टिकट पर सांसद का चुनाव लड़ रही है.