BHU परिसर में स्थित डालमिया हॉस्टल के समीप शनिवार की रात 10.00 भाजपा का झंडा लगे तेज रफ्तार स्कार्पियो की टक्कर से साइकिल सवार एक मजदूर की मौत हो गई. इसके बाद परिसर में एक छात्र के मौत की खबर फैल गई. घटना से गुस्साए 500 से अधिक छात्रों ने परिसर में 1.30 बजे तक जमकर हंगामा करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया. पहले स्कॉर्पियो में तोड़-फोड़ की. फिर कुलपति आवास और पुलिस की गाड़ियों पर पत्थरबाजी की. इस दौरान 10 से अधिक CCTV भी तोड़ दिए. इसके साथ ही छात्रों का एक गुट विश्वविद्यालय के सिंह द्वार को बंद कर धरने पर बैठ गया. इस बीच छात्रों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने जबरदस्ती गेट खुलवाया. सिंह द्वार के अंदर घुसकर लाठियों से पीटा. जिसमें उन्हें गंभीर चोट आई है. पुलिस ने 200 अज्ञात और 15 छात्रों पर FIR दर्ज की है. फिलहाल 5 छात्रों को हिरासत में भी लिया है.
यह था मामला
छात्रों का कहना था कि परिसर से बाहर के आरोपी चालक की तत्काल गिरफ्तारी की जाए. परिसर में दोबारा ऐसी घटना न होने पाए, यह सुनिश्चित किया जाए. पुलिस सभी को समझा-बुझाकर शांत कराने के प्रयास में लगी हुई थी. रात 11.45 बजे चार थानों की फोर्स के साथ डीसीपी काशी जोन प्रमोद कुमार मौके पर लंका स्थित मालवीय चौराहा पहुंचे. दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के देवनाथपुरा, पांडेय हवेली का रहने वाला कृष्ण चंद्र (48) तंदूर का काम करता था. कृष्ण चंद्र बीएचयू में काम करने वाली अपनी सास से मिलने आया था. इसके बाद वह साइकिल से अपने घर जा रहा था. डालमिया हॉस्टल के समीप तेज रफ्तार चारपहिया वाहन की टक्कर से कृष्ण चंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया. छात्रों का आरोप है कि आरोपी चालक कृष्ण चंद्र को अपने वाहन में लाद कर भाग रहा था. उन लोगों ने दौड़ाया तो आरोपी चालक घायल को छोड़ कर भाग निकला. सूचना पाकर लंका थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और कृष्ण चंद्र को बीएचयू ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस संबंध में इंस्पेक्टर लंका शिवाकांत मिश्र ने बताया कि हादसे से संबंधित वाहन पुलिस के कब्जे में है. रजिस्ट्रेशन नंबर की मदद से आरोपी चालक को गिरफ्तार किया जाएगा. शव को पोस्टमार्टम के लिए बीएचयू की मोर्चरी में रखवाया है. वहीं बीएचयू चीफ प्रॉक्टर प्रो. शिव प्रकाश सिंह ने कहा कि घटना किस जगह हुई है और कैसे हुई है, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है. छात्रों को समझा कर शांत कराने का प्रयास किया गया. छात्रों की मांग पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.