ED Raid : पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी पर मनी लांडरिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केस दर्ज किया हुआ है. नवंबर 2023 में ईडी ने विनय शंकर तिवारी की गोरखपुर और महारागंज में 72 करोड़ की संपत्ति भी जब्त की थी. दिल्ली से सुबह 5.00 बजे आई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम लखनऊ और गोरखपुर के ठिकानों पर जांच कर रही है. लोकल पुलिस की टीमें बाहर तैनात हैं, जबकि अंदर ईडी की टीम मौजूद है. गोरखपुर के तिवारी हाता का मुख्य गेट बंद हैं, जहां पुलिस मौजूद है. लखनऊ में सुबह 6 गाड़ियों में 10 से अधिक अधिकारी पहुंचे हैं. फिलहाल अधिकारियों ने मीडिया को कोई ब्रीफिंग नहीं दी है. बता दें कि विनय शंकर तिवारी की कंपनी कंदर्प कंस्ट्रक्शन के अलावा गंगोत्री इंटरप्राइजेज, जीएसपी एंटरप्राइजेज आदि कंपनियों में वित्तीय अनियमितता की जांच ईडी कर रही है. जानकारी के मुताबिक यूपी, हरियाणा समेत 3 राज्यों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमें छापेमारी कर रहीं हैं.
यह है पूरा मामला
दरअसल, विनय शंकर तिवारी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई काफी दिनों से चल रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने 3 महीने पहले भी बाहुबली स्व. पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे और गोरखपुर के चिल्लुपार विधानसभा से बसपा के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की करीब 73 करोड़ की संपत्तियां जब्त की थी. यह कार्रवाई विनय शंकर के साथ ही और उनके परिवार से जुड़ी कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड पर हुई है. गंगोत्री इंटरप्राइजेज पर बैंक से पैसे लेकर अदा ना करने का आरोप है. प्रवर्तन निदेशालय की जब्त की गई प्रॉपर्टी कंपनी के डायरेक्टर्स, प्रमोटर्स और गारंटर की हैं. ईडी ने विनय तिवारी की गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ स्थित कुल 27 संपत्तियों को जब्त किया है. जिसमें खेती की जमीन, कमर्शियल कॉम्पलेक्स, आवासीय परिसर और आवासीय भूखंड सहित अन्य जगह शामिल हैं. ईडी ने यह कार्रवाई विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेस लिमिटेड द्वारा बैंकों के कंसोर्टियम का करीब 1129.44 करोड़ रुपए हड़पने के मामले में की है. बैंकों की शिकायत पर CBI मुख्यालय ने केस दर्ज किया था, जिसके बाद ईडी ने भी विनय तिवारी समेत कंपनी के समस्त निदेशक, प्रमोटर और गारंटर के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी.
बैंक आफ इंडिया की शिकायत पर दर्ज हुआ FIR
ईडी की जांच में सामने आया कि मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने प्रमोटरों, निदेशकों, गारंटरों के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपए की क्रेडिट सुविधाओं का लाभ लिया था. बाद में इस रकम को उन्होंने अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दिया और बैंकों की रकम को वापस नहीं किया. इससे बैंकों के कंसोर्टियम को करीब 754.24 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. ईडी इस मामले की आगे जांच कर रही है. CBI ने इस मामले में विनय के साथ ही उनकी पत्नी रीता तिवारी और कंपनी के एक अन्य निदेशक अजीत पांडेय को नामजद करते हुए दिल्ली में 19 अक्टूबर 2020 को एफआईआर दर्ज की थी. यह एफआईआर बैंक आफ इंडिया की शिकायत पर दर्ज की गई थी. बैंक ने कंपनी को दिए गए 754 करोड़ रुपए के लोन में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. छापेमारी के दौरान CBI की टीमों ने लखनऊ के महानगर स्थिति आफिस और नोएडा स्थित कंपनी के ठिकानों से कई दस्तावेज अपने कब्जे में लिए. टीम ने मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ की. CBI ने गंगोत्री इंटरप्राइजेज के एक अन्य निदेशक अजीत पांडेय और एक सहयोगी फर्म रॉयल एंपायर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों पर भी छापेमारी की. गंगोत्री इंटरप्राइजेज कंस्ट्रक्शन कंपनी के रूप में जानी जाती है और बड़े निर्माण कार्य करती है.