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कानपुर देहात: जमीन से कब्जा हटाने के दौरान मां-बेटी जिंदा जले, प्रशासन-पुलिस टीम के सामने हुआ हादसा, लगे आरोप

कानपुर देहात: प्रदेश के कानपुर देहात जनपद में जमीन से कब्जा हटाने के दौरान मां बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई. हादसे के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया और प्रशासन व पुलिस के लोगों को जान बचाकर भागना पड़ा. इसके बाद मंडलायुक्त, एडीजी, आईजी और जिलाधिकारी सहित अन्य अफसर लोगों को समझाने मौके पर पहुंचे.

Kanpur Dehat: प्रदेश के कानपुर देहात जनपद में जमीन से कब्जा हटाने के दौरान मां-बेटी जिंदा जल गए. घटना उस वक्त हुई, जब मैथा तहसील क्षेत्र के मड़ौली पंचायत के चालहा गांव में पुलिस और प्रशासन की टीम ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची. घटना से आक्रोशित लोगों ने जमकर हंगामा किया और टीम को खदेड़ दिया.

लोगों की नाराजगी देख पुलिस और प्रशासन की टीम ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई. वहीं मामले में कार्रवाई की मांग पर अड़े आक्रोशित लोग मां-बेटी के शव नहीं उठने दे रहे हैं. मौके पर मंडलायुक्त, एडीजी जोन, आईजी रेंज, कानपुर देहात के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौजूद हैं.

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अवैध कब्जे की शिकायत पर एफआईआर हुई थी दर्ज

बताया जा रहा है कि कानपुर देहात के मड़ौली गांव के गेंदन लाल दीक्षित ने गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने की शिकायत की थी. कृष्ण गोपाल ने बताया कि 13 जनवरी को एसडीएम मैथा के निर्देश पर राजस्व टीम ने जेसीबी से मकान ढहा दिया. उसी दिन पीड़ित परिवार माती मुख्यालय धरना देने पहुंचा तो एसडीएम मैथा और एडीएम प्रशासन ने धमकाकर परिवार को भगा दिया. अगले दिन मुकदमा भी दर्ज करा दिया. वह लौटकर पुरानी जगह पर छप्पर रखकर रहने लगा.

कब्जा हटाने के दौरान हुआ दर्दनाक हादसा

इसके बाद सोमवार को एसडीएम मैथा और रुरा थाना प्रभारी फिर गांव पहुंच गए और झोपड़ी के बाहर बने मंदिर और चबूतरे को ढहा दिया, नल भी उखाड़ दिया गया. इसके बाद टीम छप्पर गिराया जाने लगा. बताया जा रहा है कि इससे नाराज कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला चीखती भी झोपड़ी में घुसी और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. कुछ देर में दरवाजा खोला तो झोपड़ी में आग लग चुकी थी. प्रमिला ने लोगों पर आग लगाने का आरोप लगाया. चीख पुकार के बीच जेसीबी से छप्पर हटाने की कोशिश में वह महिला और उसकी बेटी पर ही गिर गया, जिससे 45 वर्षीय प्रमिला दीक्षित और उसकी 22 वर्षीय बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई.

लोगों की नाराजगी के बाद टीम ने भागकर बचाई जान

इससे गुस्साए लोगों ने जमकर हंगामा किया और लेखपाल अशोक सिंह पर हमला कर घायल कर दिया. स्थानीय लोगों की नाराजगी देख टीम ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई. वहीं घटना की सूचना पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे. आक्रोशित लोग प्रशासन व पुलिस अफसरों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर हंगामा करते हुए शव नहीं उठने दे रहे हैं. एडीजी और पुलिस कमिश्नर भी मौके पर पहुंचे.

लेखपाल और थाना प्रभारी पर मिलीभगत का आरोप

पीड़ित परिवार का आरोप है कि गांव का गौरव दीक्षित नाम का युवक दिल्ली में नौकरी करता है. वह लेखपाल और रुरा थाना प्रभारी से मिला हुआ है. उसी ने इन लोगों के साथ मिलकर रुपये देकर झोपड़ी गिरवाने का काम किया. बेटी और पत्नी को मार दिया. पुलिस अधीक्षक के मुताबिक अतिक्रमण हटाने के दौरान महिला ने खुद को घर में बंद कर लिया और आग लगा ली. इसके बाद हुए हादसे में महिला और बेटी की मौत हो गई.

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एडीजी आलोक सिंह के मुताबिक मामले की जानकारी पर तत्काल मौके पर जाकर घटनास्थल का निरीक्षण किया गया और मृतक महिला के परिजनों से बातचीत की गई. उन्होंने निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की बात कही है.

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