28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Ganesh Chaturthi : गणेश जी कानपुर में विराजते हैं तीन खंड के मकान स्वरुप मंदिर में, अंग्रेजों ने डाली थी बाधा

यहां भगवान गणेश के 10 रूप एक साथ मौजूद है. कहते है यहां भगवान गणेश का मंदिर बनने के दौरान अंग्रेजों ने करीब में मस्जिद होने के कारण रोक लगाई थी.

कानपुर. शहर के घंटाघर इलाके में मौजूद गणेश मंदिर यूपी का ऐसा इकलौता मंदिर है, जिसका स्वरुप तीन खंड के मकान जैसा है. इसके साथ ही यहां भगवान गणेश के 10 रूप एक साथ मौजूद है. कहते है यहां भगवान गणेश का मंदिर बनने के दौरान अंग्रेजों ने करीब में मस्जिद होने के कारण रोक लगाई थी. तर्क दिया गया था कि मस्जिद और मंदिर एक साथ नहीं बन सकते. ऐसे में मंदिर निर्माण समिति ने तीन खंड का मकान बनवाकर अंग्रेजों को चकमा दिया. मकान का निर्माण पूर्ण होते ही यहां गणपति की स्थापना हो गई. इसी मंदिर में शहर का पहला गणपति महोत्सव मनाया गया था, जोकि वर्ष 2000 तक इकलौता सार्वजनिक कार्यक्रम था.इसके बाद गली-गली में गणपति महोत्सव की शुरुआत हुई तो आज सार्वजनिक कार्यक्रमों की संख्या तीन हजार से ऊपर पहुंच गई है.

1921 में बाल गंगाधर तिलक ने किया था भूमि पूजन

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि वर्ष 1908 में जब बाल गंगाधर तिलक कानपुर आए, तब उनके बाबा ने गणेश मंदिर की स्थापना की इच्छा जताई. उस वक्त बाल गंगाधर ने अपनी व्यस्तता को लेकर अगली बार आकर भूमि पूजन करने के साथ गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना का वादा किया था. बाल गंगाधर तिलक को कानपुर आने में करीब तेरह साल लग गए और इनकी बाबा की जिद थी कि भूमि पूजन के साथ गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना तिलक से कराएंगे. बाल गंगाधर को इस जिद के बारे में मालूम हुआ तो वर्ष 1921 में मंदिर में गणेश प्रतिमा की स्थापना के लिए विशेष तौर पर कानपुर आए थे. तिलक जी ने भूमि पूजन तो किया, लेकिन मूर्ति स्थापना नहीं कर पाए क्योकि पूजन के बाद किसी जरूरी काम के कारण तुरंत लौटना पड़ा था.

Also Read: कानपुर: द्वारकाधीश के दरबार में ट्रॉफी लेकर माथा टेकने पहुंची काशी रुद्रास की टीम, खिलाड़ियों ने किए दर्शन
Also Read: How To : शिल्पकार-कारीगर को मिल रहा पैसा, अभी करें पंजीकरण, ‘ पीएम विश्वकर्मा योजना ‘ की यहां जानें पूरी डिटेल
दस सिर वाले है गजानन

इस मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की संगमरमर के पत्थर के मूर्ति के अलावा उनके सामने पीतल के गणेश भगवान के साथ उनके बगल में ऋद्धि और सिद्धि को भी स्थापित किया गया है. इस मंदिर की खासियत ये है कि यहां भगवान गणेश के दोनों बेटे शुभ – लाभ को भी स्थापित किया गया है. इसके अलावा दूसरे खंड पर भगवान गणेश के नौ रूप को पुजारियों के कहने पर स्थापित किया गया था. इसके अलावा इस मंदिर में भगवान गणेश का एक मूर्ति ऐसा है जिसमे दशानन की तरह दस सिर लगे हुए है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें