Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए योगी सरकार ने परिवहन निगम को अच्छी बसें उपलब्ध कराने का निर्देश जारी किया है. निर्देशों के अनुसार चुनाव में लगाई जाने वाली बसों की फिटनेस की जांच कराने, बसों की अगली फिटनेस डेट चुनाव अवधि समाप्त होने के पश्चात ही हो और यदि आवश्यकता हो तो एडवांस फिटनेस कराने को कहा गया है. सरकार के अनुसार किसी भी दशा में अनफिट बसें नहीं भेजी जाएंगी. साथ ही चालकों का लाइसेंस वैलिडिटी चेक करके ही उन्हें चुनाव ड्यूटी पर भेजा जाएगा. प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि जो बसें आफरोड हैं, उनको तत्काल आनरोड किया जाए. चुनाव अवधि में किसी भी दशा में बसों का आफरोड 1 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. बसों की भौतिक दशा अच्छी हो, बसों की सीटें, कल-पुर्जे, खिड़की, दरवाजे इत्यादि की जांच करके ठीक करा लें. बसों में हेडलाइट, टेललाइट, इन्डीकेटर, हार्न, वाइपर, इत्यादि उचित ढंग से कार्य कर रहे हो, इसकी भी जांच करा ली जाए. बसों में फर्स्ट एड बाक्स दवाईयों सहित अवश्य उपलब्ध होना चाहिए. परिवहन मंत्री ने निर्देश दिए कि बसों में निर्धारित स्थान पर निगम का हेल्पलाइन नंबर 18001802877 अवश्य लिखा होना चाहिए. यदि किसी वजह से बस में मेजर फाल्ट हो जाता है तो उसके स्थान पर दूसरी बस उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. इसके लिए वैकल्पिक वाहनों की व्यवस्था रखी जाए.
परिवहन निगम लगाएगा बीएस-6 यूरिया उत्पादन इकाई
बता दें कि बीएस-6 बसों में प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयोग होने वाले यूरिया यानी डीजल एफल्यूएंट फ्लूइड (डेफ) का उत्पादन अब परिवहन निगम स्वयं करेगा. परिवहन निगम इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है. प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि अभी वर्तमान में बीएस-6 बसों में धुएं के माध्यम को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले यूरिया को प्रतिष्ठित कम्पनियों द्वारा ओपन मार्केट में टेन्डर के माध्यम से क्रय किया जाता है. इस क्षेत्र में उत्पादन इकाई लगाए जाने के पश्चात परिवहन निगम को आने वाले खर्च में लगभग 20 प्रतिशत की कमी का अनुमान है. पिछले दिनों में परिवहन निगम के अधिकारियों द्वारा मार्केट में संचालित यूरिया उत्पादन इकाईयों का निरीक्षण किया गया है, जिसके पश्चात तकनीकी अधिकारियों द्वारा स्वयं परिवहन निगम में यूरिया उत्पादन इकाई लगाने पर मंथन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि परिवहन निगम द्वारा अपनी बसों में प्रयुक्त टायरों का रिट्रीडिंग करके आर्थिक खर्च में काफी कमी लाई गई है. ठीक इसी प्रकार बीएस-6 बसों में प्रयोग होने वाले यूरिया के प्लान्ट लगाने से आर्थिक खर्चे में काफी कमी आएगी और यह निगम के लिए लाभकारी होगा. परिवहन मंत्री ने कहा कि बीएस-6 बसें अत्याधुनिक होने के साथ-साथ न्यूनतम प्रदूषण करती हैं. बीएस-6 बसों को क्रय किया जाना परिवहन निगम के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य एवं सुविधा की दृष्टि से अहम है. बता दें कि यूरिया का उपयोग डीजल इंजन में नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) के उत्सर्जन को कम करने के लिए किया जाता है. एनओएक्स एक हानिकारक प्रदूषक है जो श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है और स्मॉग बनने में योगदान दे सकता है. यूरिया को डीजल इंजन की निकास धारा में इंजेक्ट किया जाता है, जहां यह एनओएक्स के साथ प्रतिक्रिया करके हानिरहित नाइट्रोजन गैस और जल वाष्प बनाता है.