Lucknow : उत्तर प्रदेश सरकार लगातार खेल सुविधाओं को बढ़ाने के साथ-साथ खिलाड़ियों को मदद देने के लिए ठोस कदम उठा रही है. इसी क्रम में अब प्रदेश के 11 हजार खिलाड़ियों व उनके परिजनों को हर साल पांच लाख रुपये के निशुल्क उपचार की सुविधा दी जाएगी. खेल विभाग के अंतर्गत विभिन्न जिलों में प्रशिक्षण शिविर, आवासीय छात्रावास योजना और स्पोर्ट्स कालेजों के पंजीकृत खिलाड़ियों को यह सुविधा दी जाएगी. कैशलेस इलाज के लिए जल्द इन खिलाड़ियों का आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा.
अपर मुख्य सचिव, खेल एवं युवा कल्याण नवनीत सहगल ने बताया कि प्रत्येक खिलाड़ी का सालाना बीमा प्रीमियम 1,102 रुपये होगा और इसे खेल विभाग जमा करेगा. खिलाड़ियों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ दे रहे निजी व सरकारी कुल 3,100 अस्पतालों में उपचार की सुविधा दी जाएगी.
खिलाड़ियों के प्रोत्साहन एवं संवर्धन के लिए एकलव्य क्रीड़ा कोष और खेल एवं खिलाड़ियों के प्रोत्साहन तथा संवर्धन के लिए बनाई गई नियमावली में खिलाड़ियों व उनके परिजनों का स्वास्थ्य बीमा कराने की व्यवस्था की गई है. जल्द आयुष्मान भारत योजना की नोडल एजेंसी स्टेट एजेंसी फार कांप्रिहैंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विजेसी (साचीस) को खेल विभाग खिलाड़ियों का डाटा देगा. डाटा आयुष्मान योजना के लाभार्थियों में शामिल होते ही योजना का लाभ खिलाड़ी उठा सकेंगे. खेल के दौरान चोट लगने और अन्य किसी गंभीर बीमारी होने पर इस योजना की मदद से खिलाड़ी खुद का और परिजनों का आसानी से उपचार करा सकेंगे.
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने इसी साल मार्च में नई खेल नीति 2023 को मंजूरी दी थी. जिसमें खिलाड़ियों और खेल के लिए कई बड़े-बड़े ऐलान किए गए थे. खेल नीति में पंजीकृत खिलाड़ियों को पांच लाख रूपये का हेल्थ इंश्योरेंस देने की बात भी कही गई थी. इसके अलावा प्रतियोगिताओं के दौरान खिलाड़ियों को लगी चोटों के इलाज के लिए राज्य सरकार एकलव्य खेल कोष से राशि भी उपलब्ध कराएगी.
कई खिलाड़ी वित्तीय कठिनाई या खराब चिकित्सा देखभाल के कारण अपने करियर के चरम पर खेले से सन्यास लेने या छोड़ने का फैसला कर लेते हैं. राज्य सरकार अपनी नई खेल नीति के तहत ऐसे खिलाड़ियों की मदद के लिए हाथ बढ़ाएगी. आपको बता दें कि नई खेल नीति के तहत राज्य में खेल से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देने की बात कही गई है. राज्य में स्वदेशी एवं स्थानीय खेलों को बढावा दिया जाएगा.