लखनऊ: अकबर नगर (Akbar Nagar Lucknow) में अतिक्रमण हटाने के लिए सोमवार को एक बार फिर जिला प्रशासन बुलडोज और भारी पुलिस बल लेकर पहुंच गया है. नाले में बदल चुकी कुकरैल नदी को रिवर फ्रंट के रूप में विकसित करने के लिए ये कार्रवाई हो रही है. स्थानीय लोगों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने 21 फरवरी तक कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. रोक की समय सीमा बीतने के बाद एक बार फिर से कार्रवाई शुरू हो गई है. कुकरैल नदी के किनारे इस बस्ती को अवैध बताया जा रहा है. यहां 1068 से ज़्यादा मकान और 50 से ज़्यादा दुकान बनी हैं. यूपी सरकार इस कुकरैल नदी के किनारे रिवरफ्रंट बनाना चाहती है. अकबर नगर में रहने वाले लोगों को पुनर्वास के लिए सरकार मकान भी उपलब्ध करा रही है.
विस्थापितों को नए मकान दे रहा प्रशासन
जिला प्रशासन ने अकबर नगर से विस्थापित लोगों को मकान देने की योजना भी शुरू की है. इसके तहत 15 लाख रुपये की कीमत वाले मकान 4.80 लाख रुपये दिए जा रहे हैं. मकान आवंटन के लिए अकबर नगर में ही कैंप लगाया गया था. जिससे विस्थापितों को दिक्कतें न हों. इस योजना का लोगों ने लाभ भी उठाया, लेकिन बहुत से लोगों ने बस्ती से जाने से मनाकर दिया. कुछ लोग हाईकोर्ट भी चले गए थे. अब हाईकोर्ट की दी गई समय सीमा खत्म हो गई है.
100 से अधिक दुकानें-शोरूम भी बने
कुकैरल नदी (अब नाला) के किनारे अकबर नगर-1 और अकबर नगर-2 बसा हुआ है. यहां 1068 मकान, 101 दुकानें और शोरूम हैं. प्रशासन का दावा है कि ये सभी मकान और दुकानें अवैध कब्जा करके बनी हैं. दिसंबर 2023 में यहां अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू हुआ था. 100 से अधिक लोग अतिक्रमण अभियान के विरोध में कमिश्नर कोर्ट पहुंचे तो वहां कोई भी मकान और दुकान का स्वीकृत नक्शा नहीं दे पाया. इसके बाद कमिश्नर कोर्ट ने सभी अपीलें रद्द कर दी थी.