Wrestlers Protest: कई विवादों को अब तक मात देते आए छह बार के सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह इस बार बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं. पहलवानों के आरोपों से घिरे कैसरगंज के सांसद बृजभूषण की भाजपा में सियासत भी खतरे में है. अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या कई बार पार्टी लाइन से इतर हो जाने वाले बृजभूषण से इस विवाद के बाद भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में किनारा कर सकती है? क्या देशभर में चर्चित हुए इस विवाद के बाद दूसरे दल भी उन्हें अपना पाएंगे? अपनी दबंगई की कहानी बृजभूषण खुद खुलकर बताते रहते हैं. एक इंटरव्यू में तो वह हत्या तक की बात कुबूल चुके हैं. कहते हैं कि एक बार तत्कालीन सीएम मायावती गोंडा में जयप्रभा गांव आई थीं. उन्होंने अचानक गोंडा का नाम बदलकर जयप्रकाश नारायण नगर करने की घोषणा कर दी. वहां मौजूद लोगों ने विरोध जताया, पर मायावती नहीं मानीं. बृजभूषण पीछे नहीं हटे. उन्होंने पदयात्रा निकाली. आंदोलन शुरू हो गया. मामले में अटल बिहारी वाजेपयी ने हस्तक्षेप किया और गोंडा का नाम नहीं बदला. छात्र राजनीति और फिर गन्ना समिति के चुनाव से सियासत में आए बृजभूषण का गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच और अम्बेडकरनगर से लेकर अयोध्या की सियासत में दखल माना जाता है. माना जाता है कि इन जिलों में बिना उनकी मदद के जिला पंचायत से लेकर विधानसभा चुनाव में जीत मुश्किल होती है. वह 1989 में बीजेपी में आए थे और अदोलन में सक्रिय होकर 1991 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीते. इसके बाद 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की. 2009 में जब उनका भाजपा में कुछ विवाद हुआ तो उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. इसके बाद 2009 में सपा के टिकट पर कैसरगंज से चुनाव जीते थे.
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Wrestlers Protest: Brij Bhushan के खिलाफ आरोप बनेंगे परेशानी, मुश्किल होगी 2024 की राह
Wrestlers Protest: कई विवादों को अब तक मात देते आए छह बार के सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह इस बार बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं. पहलवानों के आरोपों से घिरे कैसरगंज के सांसद बृजभूषण की भाजपा में सियासत भी खतरे में है.
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