सीएम योगी आदित्यनाथ ने डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर कहा कि आज कुछ लोग भारत को कोसते हैं और भारतीयता का अपमान करते हैं. बाबा साहब को भी लालच देने का काम हुआ था, मगर बिना झुके और बिना डिगे वे भारत और भारतीयता के लिए काम करते रहे.
दुनिया में कहीं भी दबे कुचले समाज को बुलंद करने की बात आती है तो लोगों के दिमाग में बाबा साहब आंबेडकर का नाम आता है. बाबा साहब के पंच तीर्थों की स्थापना का कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया. हमने जाति नहीं बल्कि उसकी आवश्यकताओं के आधार पर कार्य किया.
सीएम योगी ने कहा कि 2014 के पहले आवास एक सपना होता था. आज देश के चार करोड़ लोगों के पास अपना पक्का आवास है. गांव हो या शहर हर दलित, वंचित और गरीब को आवास उपलब्ध कराएंगे.
सीएम योगी ने कहा कि दुर्भाग्य से कोरोना अगर 2014 से पहले आता तो क्या हम बच पाते, क्योंकि तब की सरकार के पास कोई दृष्टि नहीं थी. 1970 में इन्सेफलाइटिस बीमारी आई, जिससे 50 हजार बच्चों की मौत हुई थी. पहले की सरकार चेहरा देखकर कार्य करती थी. कोई दलित समर्थक होता था कोई दलित विरोधी. जो दलित समर्थक थे वो भी उनके नाम पर रोटी सेंकते थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के बच्चों के लिए बनाए गए अटल आवासीय विद्यालय जाकर देखें कि वहां कैसी व्यवस्था की गई है. उन्होंने अभ्युदय कोचिंग की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें अधिक से अधिक दलित बंधुओं के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि लगभग 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत के गरीबों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, अतिपिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धा-सुमन अर्पित हैं.
मायावती ने कहा कि देश के 81 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज का जीवन बना देने जैसी दुर्दशा ना यह आजादी का सपना था और ना ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुःखद है.
मायावती ने कहा कि देश में रोटी-रोजी के अभाव एवं महंगाई की मार के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं पर खर्चा रुपए होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त व चिंतनीय है
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि संविधान को सही से लागू करके गरीबों की हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी.
एक दौर था जब बाबा साहेब आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर मायावती बड़े कार्यक्रम करती थीं. हालांकि सत्ता से बाहर होने के बाद से वह छोटे कार्यक्रमों के जरिए ही डॉ. आंबेडकर को श्रद्धांजलि दे रही हैं.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मौके पर कहा कि भाजपा को संविधान पर भरोसा नहीं है. वह संविधान को नहीं मानती है. वह इसे बदलना चाहती है. इसीलिए भाजपा बाबा साहब द्वारा संविधान में दी गई आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त करने पर तुली हुई है. सरकारी संस्थानों का निजीकरण किया जा रहा है. आउटसोर्सिंग के द्वारा सार्वजनिक संस्थानों में भर्ती की जा रही है. इससे पिछड़ों, दलितों को आरक्षण से वंचित किया जा रहा है.