Lucknow: योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक वर्ष पूरे होने पर शनिवार को मऊ में श्रम एवं सेवायोजन, समन्वय विभाग कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी खुद को देश और संविधान से ऊपर समझते हैं.
अनिल राजभर ने शनिवार को कहा कि राहुल गांधी का इतना घमंड और गुरुर ठीक नहीं है. वह खुद को देश और संविधान से ऊपर समझते हैं. देश की न्यायपालिका से भी ऊपर समझते हैं. उन्होंने कहा कि सत्ता जाने की जो छटपटाहट और निराशा राहुल गांधी के अंदर है, इसे कोई इस तरह से निकालेगा क्या? उनको किसी पिछड़े को अपमानित करने का कोई अधिकार नहीं है.
अनिल राजभर ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म होने को लेकर कहा कि इसमें सरकार का कोई लेना देना नहीं है. यह न्यायालय का फैसला है और हम सभी को न्यायालय के फैसले का स्वागत करना चाहिए. न्यायालय के फैसले के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने जो फैसला किया है, वह उनका विशेषाधिकार है. इससे सरकार का कोई लेना-देना नहीं है.
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कोई स्पेशल थोड़े हैं. ऐसे कई मामले हैं, जिसमें सदस्यों की सदस्यता खत्म हुई है. अगर इनको विशेष छूट दे तो ऐसे सदस्यों के साथ हम कौन सा न्याय करेंगे, जिनकी सदस्यता रद्द हुई है. ऐसे कई मामले हैं, जिसमें माननीय लोगों की सदस्यता रद्द हुई है, जो न्यायालय का दो साल की सजा का फैसला है, हम उसका स्वागत करते हैं.
इस प्रकरण में बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने शनिवार को कहा कि पहले कांग्रेस व अब भाजपा सरकार द्वारा हर स्तर पर अधिकांश मामलों में घोर स्वार्थ की राजनीति करने के कारण ही गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन आदि की गंभीर समस्याओं को दूर करने की व्यापक जनहित, जन कल्याण व देश हित के जरूरी काम पर पूरा पूरा ध्यान नहीं देना अति दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि इसी संदर्भ में कांग्रेस पार्टी को यह जरूर सोचना चाहिए कि सन 1975 में जो कुछ हुआ वह क्या सही था और अब उनके नेता राहुल गांधी के साथ जो कुछ हो रहा है वो भी कितना उचित? एक दूसरे के प्रति राजनीतिक द्वेष, नफरत आदि से देश का ना पहले भला हुआ है और न ही आगे होने वाला है. मायावती ने कहा कि अतः यह स्पष्ट है कि देश की आज़ादी के बाद बीते 75 वर्षों में यहां रही विभिन्न सरकारें अगर संविधान की पवित्र मंशा तथा लोकतांत्रिक मर्यादाओं व परंपराओं के अनुसार ईमानदारी व निष्ठा के साथ काम करती होतीं तो भारत वास्तव में अग्रणी व आदर्श मानवतावादी विकसित देश बन गया होता होता.