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असद को पकड़ने के लिए टीम का नेतृत्व कर रहे थे DIG रैंक के अधिकारी, जानें UP STF का ‘ऑपरेशन झांसी’ की योजना

Asad Ahmed Encounter: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे' वाली बात 25 फरवरी को विधानसभा सदन सत्र में कही थी. उसके बाद से UP STF ने उमेश पाल की हत्या के मामले से जुड़े चार लोगों को अतीक अहमद के बेटे के साथ मार गिराया है.

लखनऊ. Asad Ahmed Encounter: गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद के बेटे असद को UP STF ने झांसी में हुए मुठभेड़ के दौरान मार गिराया. असद अहमद हाई-प्रोफाइल उमेश पाल हत्याकांड मामले में वांछित था. इस एनकाउंटर के बाद से ‘इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे’ वाले बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे’ वाली बात 25 फरवरी को विधानसभा सदन सत्र में कही थी. उसके बाद से UP STF ने उमेश पाल की हत्या के मामले से जुड़े 3 लोगों को अतीक अहमद के बेटे के साथ मार गिराया है. असद अहमद और उनके सहयोगी गुलाम हसन का एनकाउंटर चर्चा में है. जानकारी के अनुसार झांसी में गुरुवार का ऑपरेशन योजना का परिणाम था.

जानें कैसे UP STF ने बनायी ‘ऑपरेशन झांसी’ की योजना

उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार गुप्त सूचना मिली थी कि असद और उसका सहयोगी गुलाम अतीक अहमद को ले जा रहे पुलिस के काफिले पर हमला करने की योजना बना रहे थे. ताकि अतीक अहमद को अदालत में सुनवाई के लिए यूपी नहीं लाया जा सके. इस योजना को UP STF ने नाकाम कर दिया था. यूपी के विशेष महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने खुलासा किया कि असद द्वारा अपने पिता को मुक्त करने की योजना की खुफिया जानकारी के बाद सिविल पुलिस और विशेष बलों की टीमों को तैनात किया गया था. सूचना के आधार पर कार्रवाई गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट और 1 बजे के आसपास जवाबी कार्रवाई में दोनों को मारे गए. प्रशांत कुमार ने कहा कि UP STF ने पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया.

झांसी सीमा के पास भारी बल किया गया था तैनात

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एसटीएफ पहले से ही झांसी के घटनाक्रम पर नज़र रख रही थी. UP STF को पता चला था कि अतीक अहमद के सहयोगी और उमेश पाल हत्याकांड के एक आरोपी गुड्डू मुस्लिम का एक ठिकाना जंगल के पास था, जहां से मुठभेड़ हुई थी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने अखबार को बताया कि उनका ध्यान हटाने के लिए 11 अप्रैल से झांसी सीमा के पास भारी बल तैनात किया गया था, जब अतीक अहमद को प्रयागराज लाया जा रहा था, जबकि सादे कपड़ों में एक विशेष पुलिस दल गुड्डू के आसपास के क्षेत्र का सर्वेक्षण कर रहा था.

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टीम का नेतृत्व कर रहे थे DIG रैंक के अधिकारी

मुख्यालय से निगरानी और तकनीकी सहायता से परीछा पावर प्लांट के क्षेत्र के पास गुप्त रूप से एक छोटी सी टीम तैनात की गई थी. टीम का नेतृत्व DIG रैंक के अधिकारी कर रहे थे. 12 अप्रैल को गुड्डू मुस्लिम के ठिकाने पर रात की गतिविधि देखी गई थी, जिसके टीम को चार मार्गों के पास तैनात कर दिया गया. इसके बाद बुलेटप्रूफ जैकेट से लैस एक टीम को किसी भी संभावित खतरे का सामना करने के लिए नामित किया गया था, जबकि एक अन्य टीम को पड़ोसी जिलों में संभावित भागने के मार्गों को तलाशने और निरीक्षण करने का काम सौंपा गया था.

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