लखनऊ: अयोध्या में सामूहिक दुष्कर्म (Ayodhya Case) का शिकार नाबालिग का लखनऊ के क्वीन मेरी अस्पताल में गर्भपात कराया गया. उसे तीन माह का गर्भ था. सुप्रीम कोर्ट के नियम के अनुसार 24 सप्ताह तक गर्भपात किया जा सकता है. नाबालिग की स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए उसका गर्भपात कराने का निर्णय चिकित्सकों ने लिया था. अभी उसे अस्पताल में ही भर्ती रखा जाएगा. अयोध्या में उसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा था. लेकिन बेहतर इलाज के लिए पीड़िता को सोमवार को केजीएमयू रेफर कर दिया गया था. हालांकि केजीएमयू के प्रवक्ता ने कोई भी आधिकारिक बयान जारी करने से मनाकर दिया है.
आरोपी के परिवार ने की है डीएनए जांच की मांग
अयोध्या की दुष्कर्म पीड़िता का गर्भपात कराने के बाद भ्रूण का डीएनए जांच कराने के लिए सैंपल भी लिए जाने की बात कही जा रही है. हालांकि इस मामले में आरोपियों मोईद खान और राजू को पहले ही गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है. लेकिन आरोपी मोईद खान का परिवार और समाजवादी पार्टी लगातार डीएनए जांच की मांग कर रही है. उनका आरोप है कि इस मामले में सपा नेता को जबरदस्ती फंसाया जा रहा है.
दुष्कर्म मामले में सामाजिक प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से की मुलाकात
उधर, अयोध्या में दुष्कर्म पीड़िता प्रकरण के विषय में एक सामाजिक प्रतिनिधिमंडल ने सीएम योगी आदित्यनाथ से भेंट की. सीएम योगी ने उन्हें आश्वासन दिया कि पीड़िता को हर स्थिति में न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा शीर्ष प्राथमिकता है. सरकार पूरी सक्रियता और संवेदनशीलता के साथ पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है. मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना के दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई होगी. सीएम योगी ने इस मुलाकात की फोटो अपने एक्स एकाउंट से शेयर की है.
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