लखनऊ: अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में रामनवमी के मौके पर 20 घंटे तक दर्शन की सुविधा मिलेगी. ये व्यवस्था 15 से 17 अप्रैल तक रहेगी. इस दौरान पास से दर्शन की व्यवस्था को निरस्त रखा जाएगा. श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट और संतों के बीच दर्शन के समय को लेकर सहमति बन गई है. रामलला के राग भाग और श्रृंगार के समय को छोड़कर राम मंदिर दर्शन के लिए खुला रहेगा. अयोध्या में 100 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन पर रामनवमी का लाइव प्रसारण किया जाएगा.
राग भोग व श्रृंगार के लिए बंद रहेगा मंदिर
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामलला के सुबह, दोपहर और रात में राग भोग व श्रृंगार में लगभग चार घंटे लगते हैं. इसके अलावा 20 घंटे दर्शन की व्यवस्था रहेगी. उन्होंने श्रद्धालुओं से मोबाइल फोन, जूता-चप्पल, सामान रखकर मंदिर आने की सलाह दी है. इससे दर्शन में आसानी होगी और समय भी कम लगेगा. श्रद्धालुओं के राम जन्मभूमि पथ से लेकर मंदिर परिसर तक 50 स्थानों पर पीने की पानी की व्यवस्था की जाएगी. जूट का कारपेट बिछेगा. छाया के लिए जर्मन हैंगर लगाए जा रहे हैं. प्रसाद के साथ साथ ओआरएस घोल भी श्रद्धालुओं को दिया जाएगा. जिससे गर्मी में उन्हें एनर्जी मिलती रहे.
15 से 18 अप्रैल तक पास की व्यवस्था निरस्त
रामनवमी के मौके पर 15 से 18 अप्रैल तक पास की व्यवस्था निरस्त रहेगी. जिनके पास पहले से बुक हैं, वो भी निरस्त कर दिए गए हैं. बैठक में रामलला के सूर्य अभिषेक पर भी चर्चा की गई. इसी रामनवमी पर सूर्य अभिषेक की तैयारी की जा रही है. 15 अप्रैल तक वैज्ञानिक अपने उपकरण लगाकर सूर्य अभिषेक की व्यवस्था करेंगे. इसका लाइव प्रसारण किया जाएगा. रामनवमी की तैयारी बैठक में ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, जगद्गुरु विश्व प्रसन्न तीर्थ, महंत दिनेंद्र दास, डॉ. अनिल मिश्र, बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, केंद्रीय गृह सचिव प्रशांत लोखंडे, डीएम नितीश कुमार, विशेष्ज्ञ आमंत्रि सदस्य महंत कमलनयन दास भी मौजूद थे. अन्य लोग विडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े रहे.
दिव्यांगों के लिए अलग लेन
अयोध्या राम जन्मभूमि पथ पर 2200 मीटर स्टेनलेस बैरिकेटिंग का निर्माण चल रहा है. इसके 10 अप्रैल तक होगा पूरा होने की उम्मीद है. रामनवमी में भक्त स्टेनलेस स्टील की बैरिकेटिंग से होकर रामलला के दरबार में पहुंचेंगे. इसमें कुल 6 लेन बनाई जा रही हैं. दो लेन विशिष्ट , एक लेन का मार्ग व्हीलचेयर के लिए , दूसरी लेन फास्ट ट्रैक मार्ग , फास्ट ट्रैक मार्ग से श्रद्धालु बिना जूता चप्पल, बिना इलेक्ट्रानिक डिवाइस, पेन घड़ी, मोबाइल के जा सकेंगे.