Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख करीब आने के साथ ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आयोजन को लेकर अपनी तैयारी तेज कर दी है. रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह बेहद भव्य तरीके से मनाया जाएगा, सजीव प्रसारण के जरिए पूरी दुनिया के श्रद्धालुओं को इससे जोड़ने की तैयारी है, वहीं इस दौरान शहरों से लेकर गांवों में आयोजन किए जाएंगे. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में दुनिया भर से मेहमानों को आमंत्रित किया गया है. देश में विभिन्न क्षेत्रों की दिग्गज हस्तियां भी इस ऐतिहासिक पल की गवाह बनेंगी. इस दौरान कुछ ऐसे लोग भी होंगे, जिन्होंने रामलला के लिए समर्पण अभियान में ऐसा कुछ किया, जिसकी कीमत अनमोल है. उनकी सर्मपण निधि के आगे बड़े बड़े औद्योगिक घरों और लोगों का योगदान नगण्य है. अब ऐसे लोगों को भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है, उनके लिए ये बेहद यादगार पल होगा. दरअसल भिखारियों के एक बड़े समूह ने राम मंदिर निर्माण के लिए करी साढ़े चार लाख रुपए की धनराशि प्रदान की है. प्रयागराज और वाराणसी के सैकड़ों भिक्षावृत्ति करने वाले लोगों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के समर्पण निधि अभियान में हिस्सा लिया. आरएसएएस कार्यकर्ताओं की ओर से अब इन लोगों से संपर्क करते हुए इन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है.
बताया जा रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पण निधि अभियान में प्रयागराज और काशी के 300 से ज्यादा भिक्षावृति करने वालों ने हिस्सा लिया. आरएसएस जब समर्पण निधि अभियान चला रहा था, तब नवंबर 2020 में काशी में भिक्षाटन करने वाले कुछ लोग उसके कार्यालय पर पहुंचे. इन लोगों ने अपने समूह को भी अभियान का हिस्सा बनने का आग्रह किया. उनकी स्थिति देखकर संघ पदाधिकारियों ने हिचक दिखाई, इस पर भिक्षाटन करने वालों ने अपनी आस्था का हवाला देकर आर्थिक योगदान की पेशकश की.
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इसके बाद भिक्षावृत्ति करने वालों लोगों की अपील पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी उनके इलाके में पहुंचे और राम मंदिर निर्माण के लिए दान एकत्र किया. बताया जा रहा है कि आरएसएस के संगठन के लिहाज से प्रयागराज सहित काशी प्रांत के 27 जनपदों के भिक्षावृत्ति करने वालों ने राम मंदिर निर्माण में अपनी ओर से आर्थिक योगदान दिया. काशी में भिक्षाटन करने वाले एक शख्स के मुताबिक बीमारी की वजह से वह भिक्षाटन करते हैं. राम मंदिर निर्माण के लिए धनराशि एकत्र करने की जानकारी मिलने पर आरएसएस के कार्यकर्ताओं से संपर्क किया. उन्हें अपनी भावना से अवगत कराया. इसके बाद सभी ने मिलकर अपनी ओर से छोटी छोटी धनराशि समर्पित की. अब 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का अवसर मिल रहा है.
आरएसएस के काशी प्रांत कार्यवाह मुरली पाल के मुताबिक श्रीराम मंदिर के समर्पण निधि अभियान के दौरान भिक्षाटन करने वाले लोगों ने संगठन से संपर्क किया. इन्होंने अपने क्षेत्र पर आकर सहयोग राशि प्राप्त करने की गुजारिश की. काशी प्रांत में 300 से ज्यादा भिक्षाटन करने वालों ने राम मंदिर निर्माण में धनराशि प्रदान की है. बताया जा रहा है कि चार हजार से ज्यादा मोची, धोबी, सफाईकर्मियों ने भी रामलला के भव्य मंदिर के लिए अपना आर्थिक योगदान दिया है.
इस बीच बताया जा रहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए काशी प्रांत से 74 करोड़ ऑफलाइन और 8 करोड़ रुपए ऑनलाइन दान मिले थे. आरएसएस संगठन के लिहाज से यूपी में छह प्रांत हैं. काशी प्रांत से सबसे ज्यादा समर्पण निधि जुटाई गई थी. 30 लोगों ने 25 लाख या उससे अधिक की धनराशि दी. इन सभी को प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम में बुलाया गया है. बताया जा रहा है कि राममंदिर ट्रस्ट को काशी प्रांत से 1.25 करोड़ रुपए जौनपुर के ज्ञान प्रकाश सिंह ने दान दिया था. गाजीपुर के महंत सिद्धपीठ हथियाराम मठ के महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नंदन यति महराज ने राम मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपए दान दिया था. अमेठी निवासी और राजेश मसाला के प्रबंध निदेशक राजेश अग्रहरी ने मंदिर निर्माण के लिए सवा करोड़ रुपए दान दिए हैं. इसके साथ ही वह 2.98 करोड़ की लागत से अयोध्या के लता मंगेशकर चौक पर भव्य द्वार बनवा रहे हैं. 164 फीट चौड़ा और 64 फीट ऊंचा द्वार ही मंदिर परिसर में प्रवेश का प्रमुख द्वार होगा. प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और प्रयागराज निवासी नंदगोपाल नंदी ने एक करोड़ रुपए दान दिया है. ये सभी लोग प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किए जाने को गौरव का पल बता रहे हैं.