Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य 20 दिन बाद फिर से शुरू हो गया है. पहले व दूसरे फ्लोर के निर्माण के साथ श्रद्धालुओं को आसानी से रामलला का दर्शन कर सकें इसके लिए राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में घंटों मंथन हुआ. साथ ही राममंदिर में भीड़ नियत्रंण की योजनाओं पर भी चर्चा हुई. कार्यदाई संस्था के इंजीनियरों ने आसानी से रामलला का दर्शन श्रद्धालुओं को हो सके इसके लिए किस तरह निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया जा सकता है, इसका प्रजेंटेशन समिति के सामने प्रस्तुत किया. समिति के तरफ से संतुष्टी मिलने के बाद संस्था को फिर से काम शुरू करने की हरी झंडी दे दी गई है. बता दें कि कार्यदाई संस्था एलएंडटी व टाटा कंसल्टेंसी ने मशीनों को इंस्टाल कर दिया है. क्रेन भी लगाए जा चुके हैं. निर्माण कार्य रविवार से शुरु कर दिए गए हैं. सोमवार से निर्माण कार्यों को और गति दी जाएगी. वहीं राममंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया कि नृपेंद्र मिश्र ने दूसरे फेज के निर्माण कार्यों को गति बढ़ाने पर मंथन किया है. तय हुआ है कि मालवाहक वाहनों को रात में एंट्री दिया जाएगा ताकि दिन में श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो. सप्त मंडपम, यज्ञशाला, एसटीपी, ऑडिटोरियम का काम भी जल्द शुरू करने को लेकर चर्चा हुई है.
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डॉ़ मिश्र ने बताया कि रामजन्मभूमि में चार प्रवेश द्वार बनने हैं. तीन का काम अभी बाकी है. इन तीन प्रवेश द्वारों के निर्माण के लिए नाप जोख शुरू हो गई है. यूपीआरएनएन को प्रवेश द्वार की डिजाइन बनाने का जिम्मा सौंपा गया है. तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र का पचास फीसदी काम पूरा है. शेष काम मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा, इसकी क्षमता भी बढ़ाई जाएगी. राममंदिर के पहले व दूसरे फ्लोर का काम एक साथ अब शुरू होने जा रहा है. बैठक में राममंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव, आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा समेत कार्यदाई संस्था के इंजीनियर मौजूद रहे. डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया कि सरयू तट पर स्थित रामकथा संग्रहालय ट्रस्ट को मिल चुका है. इसके सुंदरीकरण का भी काम जल्द शुरू किया जाएगा. नृपेंद्र मिश्र ने निर्माण ईकाईयों के साथ बैठक कर सुंदरीकरण का काम जल्द शुरू करने को कहा है. एक साल में यह संग्रहालय दिव्य-भव्य रूप में भक्तों के आकर्षण का केंद्र बनेगा. यहां मंदिर आंदोलन का इतिहास भी दर्शाया जाएगा.
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बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही अयोध्या में आस्था का कुंभ लगा हुआ है. पिछले 13 दिनों में रामलला के दरबार में 27 लाख से अधिक श्रद्धालु हाजिरी लगा चुके हैं. भक्तों का हुजूम रविवार को भी उमड़ा. छुट्टी का आनंद उठाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु रविवार को अयोध्या पहुंचे. मौसम खराब था, बारिश व बूंदा-बांदी के बाद फैली अव्यवस्थाएं भी इनका मार्ग नहीं रोक सकीं. रविवार को दो लाख भक्तों ने रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई. बारिश के चलते रामपथ, जन्मभूमि पथ व भक्तिपथ पर कई जगह जलभराव की भी स्थिति बन गई. बावजूद इसके श्रद्धालु रामलला के दर्शन को लालायित दिखे. हनुमानगढ़ी में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. यहां करीब 500 मीटर की लंबी लाइन लगी रही. भक्ति का आलम यह था कि बारिश में श्रद्धालु भीग रहे थे, ठिठुर रहे थे लेकिन दर्शन की ललक कम होने का नाम नहीं ले रही थी. हनुमानगढ़ी में उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अधिकारी भी डटे रहे. रामलला का दर्शन अधिक से अधिक भक्त कर सकें इसलिए राम मंदिर रोजाना 15 घंटे खोला जा रहा है. सुबह 6:30 बजे से शुरू होने वाले दर्शन का सिलसिला रात दस बजे शयन आरती के बाद ही रूकता है. रविवार को छुट्टी के चलते बड़ी संख्या में भक्त अयोध्या पहुंचे. हालांकि सुबह से ही रूक-रूक कर हो रही बारिश भक्तों के धैर्य की परीक्षा लेती रही, लेकिन आस्था के आगे समस्त दुश्वारियां बौनी साबित होती दिखीं.
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रामलला के दर्शन करने के लिए सिद्धि विनायक मंदिर के ट्रस्टी राजा राम देशमुख अयोध्या पहुंचे. वह विमान से महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे. रविवार को 11 फ्लाइटें एयरपोर्ट पर पहुंची. एयरपोर्ट पर बसपा नेता करुणाकर पांडेय, संत मामा दास, आशीष पांडेय सहित अन्य लोगों ने ट्रस्टी राजाराम देशमुख का स्वागत किया. इसके बाद वह अयोध्या पहुंचे. देशमुख ने बताया कि रविवार को बारिश के चलते उन्होंने दर्शन-पूजन नहीं किया है. सोमवार को दर्शन-पूजन के साथ अयोध्या भ्रमण करेंगे. रविवार को दिल्ली से तीन, मुंबई से दो विमान, जयपुर, दरभंगा, पटना, बंगलुरू, चेन्नई व अहमदाबाद से एक-एक विमान यहां उतरे.