अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होनी है. इससे पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस भव्य समारोह को लेकर एंट्री पास जारी कर दी है. ट्रस्ट की ओर से कहा गया कि एंट्री पास में क्यूआर कोड दिया गया है, जिसे स्कैन करने के बाद ही मंदिर परिसर में जाने की इजाजत दी जाएगी. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में आमंत्रित महानुभावों को जानकारी दी गयी है कि भगवान रामलला सरकार के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में प्रवेश केवल श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से जारी की गई प्रवेशिका (एंट्री पास) के माध्यम ही संभव है. केवल निमंत्रण पत्र से आगंतुकों को प्रवेश सुनिश्चित नहीं हो पाएगा. प्रवेशिका पर बने QR code के मिलान के बाद ही परिसर के प्रवेश संभव हो पाएगा. ट्रस्ट की ओर इस एंट्री पास की एक कॉपी भी शेयर की गई है. इससे पता चलता है कि पास पर नाम, मोबाइल नबंर और आधार कार्ड नंबर जैसी अहम जानकारियां होंगी. मालूम हो कि अभिषेक समारोह के लिए निमंत्रण कार्ड 7 हजार से ज्यादा लोगों को भेजे गए हैं, जिनमें पुजारी, डोनर और राजनेताओं सहित 3,000 के आसपास वीवीआईपी शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे, जिसके अगले दिन मंदिर जनता के लिए खोले जाने की उम्मीद है.
बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह से तीन दिन पहले शुक्रवार को रामलला की प्रतिमा का अनावरण किया गया. काले पत्थर से बनी इस प्रतिमा की आंख पर पीले रंग के कपड़ा बांधा गया था जिसे कुछ देर बाद हटा दिया गया. मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई गई 51 इंच की रामलला की प्रतिमा को रात के वक्त मंदिर में लाया गया था. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य आचार्य अरुण दीक्षित ने बताया कि भगवान राम की प्रतिमा को दोपहर में वैदिक मंत्रोचार के बीच गर्भगृह में रखा गया. मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठान पहले ही शुरू हो चुके हैं. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह दोपहर 12:20 बजे शुरू होगा और 22 जनवरी को दोपहर 1 बजे तक पूरा होने की उम्मीद है.
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अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बने राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें मूर्ति की आंखें खुली हुई दिख रही हैं. श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले मूर्ति का ऐसा स्वरूप नहीं मिल सकता. यदि ऐसा हुआ है तो इसकी जांच कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला के नेत्र नहीं खुलेंगे. मुख्य पुजारी ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के नियमों का पालन किया जा रहा है. मूर्ति को खोला नहीं गया है. शरीर को कपड़े से ढंक दिया गया है. जो तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है वो झूठी है. जब मूर्ति तैयार हो जाती है तो उसके नेत्र बंद कर दिए जाते हैं. उसे स्थापित कर दिया जाता है. आंख खुली हुई जो मूर्ति दिखाई जा रही है वो सही नहीं है.
आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि मूर्ति का ऐसा स्वरूप यदि वास्तव में मिला है तो इसकी जांच कराई जाएगी. इसे किसने खोला यह पता लगाया जाएगा. मूर्ति कैसे वायरल हो गई. इसकी जांच कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि मूर्ति का पूरा श्रृंगार किया जाता है लेकिन उसके नेत्र नहीं खोले जाते. वर्तमान में मंत्र, पूजन और अन्य कर्मकांड हो रहे हैं. इस बीच रामलला की मूर्ति के अन्य हिस्से खोल सकते हैं लेकिन आंखें हीं खुलेंगी. बता दें कि इस समय अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं. प्राण प्रतिष्ठा के लिए अतिथियों के आने का क्रम भी शुरू हो गया है. अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं. बिना निमंत्रण या पास के बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.