अयोध्या के राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह व सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग में राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में 50 से अधिक बच्चों ने जन्म लिया. परिजनों में घर से लेकर अस्पतालों तक हर्ष और उल्लास का माहौल रहा. इस बीच जन्म लेने वाले बच्चों के नाम भगवान राम पर रखने की भी होड़ रही है. हालांकि 22 जनवरी को लेकर पहले से ही डिलीवरी कराने की अस्पतालों में डिमांड आ रही थी. इस दौरान जिन महिलाओं को 22 को ऑपेरशन का समय दिया गया था, उनके अलावा कई नार्मल डिलीवरी के केस भी रहे, जिनमें बच्चों का जन्म हुआ. किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के क्वीन मेरी में शाम 5.00 बजे तक 17 बच्चों का जन्म हुआ. प्रभारी चिकित्सक डॉ. एसपी जैसवार ने बताया कि इनमें 8 लड़के और 9 लड़कियां हैं. 6 बच्चों का जन्म नार्मल डिलीवरी से हुआ. वही 11 बच्चों का जन्म ऑपेरशन के जरिये हुआ हैं. सभी बच्चे स्वस्थ हैं. वहीं राजनारायण लोकबंधु संयुक्त चिकित्सालय में शाम 7.00 बजे तक कुल 14 महिलाओं की डिलीवरी हुई. इनमें 9 लड़के और 5 लड़कियां रही. अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजीव दीक्षित ने बताया सभी जन्म लेने वाले बच्चे स्वस्थ हैं. कही कोई परेशानी की बात नही है.
वहीं लोहिया संस्थान में दोपहर 3.00 बजे तक कुल 7 बच्चों का जन्म हुआ. मदर और चाइल्ड केयर अस्पताल स्थिति महिला और प्रसूति रोग प्रभारी डॉ. स्मृति अग्रवाल के मुताबिक शाम 3.00 बजे तक कुल 7 बच्चों का जन्म हुआ. इनमें से 4 ऑपेरशन से पैदा हुए बच्चे रहे और 3 नार्मल डिलीवरी से जन्म लेने वाले बच्चे रहें. जन्म लेने वालों में 6 लड़के और 1 लड़की रही. वहीं हजरतगंज के झलकारी बाई महिला चिकित्सालय में 7 बच्चों का जन्म हुआ. अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी निबेदिता कर ने बताया कि शाम 7.00 बजे तक इनमें से 4 बच्चों का जन्म ऑपेरशन के बाद हुआ. वही 3 बच्चे नार्मल डिलीवरी से पैदा हुए. जबकि पैदा होने वालों में 2 लड़के और 5 लड़कियां रही. वही अवंती बाई महिला अस्पताल में सोमवार को 11 बच्चों का जन्म हुआ. इसके अलावा अलीगंज सीएचसी में भी एक लड़के और एक लड़की का जन्म हुआ. कुल मिलाकर लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में 50 से ज्यादा बच्चे सोमवार को जन्म लिए. वही बड़ी संख्या में निजी अस्पतालों में भी डिलीवरी हुई. हालांकि इसका कोई सटीक आंकड़ा अभी तक नही मिल पाया है.
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अलीगढ़ जिला महिला चिकित्सालय में रात 12.00 बजे से 22 जनवरी शाम सात बजे तक कुल 32 बच्चों जन्म हुआ. इसमें 17 लड़के व 15 लड़की थीं. इससे बच्चों के माता-पिता के साथ ही परिजन भी बेहद खुश होकर मिठाई का वितरण किया. निजी अस्पतालों में जन्मे बच्चों की संख्या 100 से अधिक रही. इसके लिए कुछ माता-पिताओं ने प्री-डिलिवरी के लिए डॉक्टरों से अनुरोध किया था. वही जिले के अतरौली सीएचसी में चार बच्चे जन्मे. आनंदपुर निवासी रिंकी देवी पत्नी सामंत सिंह ने बेटा, कदौली निवासी शीतल पत्नी अजय ने बेटी, बैसपाड़ा निवासी रोशन पत्नी शादाब ने बेटा व शेखूपुर निवासी सीमा पत्नी रिंकू ने बेटे को जन्म दिया. वहीं जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. तैय्यव ने बताया कि अस्पताल में 32 महिलाओं की डिलेवरी हुई जिसमें 17 लड़के एवं 15 लड़की ने जन्म लिया उनके मां-बाप बेहद खुश नजर आए. वहीं डॉ. अंजू गुप्ता ने बताया कि कई लोगों ने उनके अस्पताल में सोमवार को ही प्रसव करने गुजारिश की थी, लेकिन उन्हें साफ मना कर दिया गया. उनके प्रसव की तारीख अभी नहीं थी और प्री-डिलिवरी से नवजात बच्चे व मां को परेशानी भी हो सकती थी.
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वहीं हाथरस के सरकारी व निजी अस्पतालों में 41 गर्भवती महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया. महिलाओं के परिजन का कहना है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन घर में नए मेहमान के आने से उनके लिए यह दिन और खास हो गया है. वहीं तीमारदार सुखवंती ने बताया कि मेरी पुत्रवधू को प्रसव में काफी जटिलता थी. लग रहा था कि जच्चा-बच्चा को खतरा न हो जाए. इसके बावजूद भगवान श्रीराम की कृपा से सोमवार को उसका सामान्य प्रसव हो गया. उसने बेटे को जन्म दिया है. वहीं तीमारदार देवेंद्रपाल सिंह ने बताया कि मेरी पत्नी ने सोमवार को बेटे को जन्म दिया है. भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के दिन बेटे का जन्म राम जी की ही देन है. यह दिन मेरे लिए ऐतिहासिक बन गया.