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राम मंदिर: महाराष्ट्र के चंद्रपुर की लकड़ी से बनेगा गर्भगृह द्वार, पूजा अर्चना के बाद आज अयोध्या होगी रवाना

अयोध्या राम मंदिर के लिए विशेषज्ञों ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के बल्लारपुर की सागौन लकड़ी को सबसे बेहतर बताया है. इसके मद्देनजर हजारों रामभक्तों की उपस्थिति में बुधवार को पूजा अर्चना के बाद शोभा यात्रा के साथ लकड़ियां अयोध्या के लिए रवाना की जाएंगी.

Lucknow: अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर में महाराष्ट्र के चंद्रपुर जनपद की सागौन लकड़ी का इस्तेमाल होगा. राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के मंदिर का मुख्य द्वार, गर्भगृह और बाकी दरवाजों के लिए चंद्रपुर के जंगलों की लकड़ी का प्रयोग किया जाएगा.

हजारों रामभक्तों की उपस्थिति में बुधवार को पूजा अर्चना के बाद शोभा यात्रा के साथ लकड़ियां अयोध्या के लिए रवाना की जाएंगी. राम मंदिर के लिए लकड़ी रवाना करने को लेकर चंद्रपुर स्थित क्लब मैदान में बुधवार को भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. बताया जा रहा है कि इसमें कैलाश खेर के अलावा दो हजार से अधिक कलाकारों को बुलाया गया है. योग गुरु रामदेव, सद्‌गुरु जग्गी वासुदेव, श्रीश्री रविशंकर, अभिनेता अरुण गोविल सहित कई हस्तियां भी मौजूद रहेंगी.

दिनभर चलने वाले काष्ठ पूजन के बाद रथों से शोभायात्रा निकालकर लकड़ियां अयोध्या के लिए रवाना की जाएंगी. महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के अनुरोध पर प्रदेश के वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना भी इस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंच गए हैं.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर निर्माण से जुड़े हर कार्य में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा रहा है. इसी कड़ी में ट्रस्ट ने दरवाजों की लकड़ी के लिए वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) देहरादून से राय ली. इस पर विशेषज्ञों ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के बल्लारपुर की सागौन लकड़ी को सबसे बेहतर बताया.

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इसके बाद इस लकड़ी का चयन किया गया. महाराष्ट्र सरकार के स्तर पर मंदिर के लिए आवश्यक लकड़ी की व्यवस्था की गई. अब मंदिर के दरवाजों के लिए संतों और भक्तों द्वारा पूजन के बाद ये लकड़ी अयोध्या के लिए बुधवार को रवाना की जाएगी.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसके लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मंत्री मुनगंटीवार का लकड़ी के इंतजाम के लिए आभार जताया है. इस बीच अयोध्या में रामलला मंदिर का गर्भगृह आकार लेता नजर आ रहा है. मंदिर के प्रथम तल निर्माण का काम इस वर्ष अक्टूबर माह में पूरा हो जाएगा. इसके बाद शुभ मुहूर्त में रामलला मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे और भक्त उनकें दर्शन पूजन कर सकेंगे.

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