Sitapur News: दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में रामपुर की एमपीएमएलए कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद सीतापुर जेल शिफ्ट किए गए आजम खां की पहली रात करवटें बदलते हुए गुजरी. वह पूरी रात बेचैन रहे और ठीक से सो नहीं सके. बताया जा रहा है कि आजम खां को मच्छरों की वजह से नींद नहीं आई. जिस बैरक में उन्हें रखा गया है, वहां काफी मच्छर थे, इस वजह से आजम काफी बेचैन भी दिखे. सीतापुर जेल परिसर के आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इस वजह से जेल के कैदियों सहित आसपास के रहने वालों को भी काफी दिक्कतें होती हैं. गंदगी के कारण मौसम में बदलाव के साथ ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता हे. जेल प्रशासन की ओर से इसके लिए इंतजाम किए गए हैं, लेकिन कैदियों और बंदियों को मच्छरों से राहत नहीं मिल रही है. आजम भी इसी वजह से परेशान रहे. हालांकि जेल प्रशासन की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है. जेल अधीक्षक एसके सिंह के मुताबिक आजम खां को उच्च सुरक्षा में रखा गया है. जेल में पांच पुरानी बैरक हैं. उनमें से एक में ही उनको रोका गया है. एक बैरक में दो लोग रह सकते हैं. रविवार के दिन मिलाई बंद रहती है. इसलिए उनसे कोई नहीं मिल पाया. नियम यह है कि महीने में सिर्फ चार बार मिलाई हो सकती है. एक मिलाई में तीन लोग ही जाते हैं.
सपा नेता आजम खां सीतापुर की जेल में करीब दो साल तीन महीने तक बंद रहे. 88 मामले दर्ज करने के बाद फरवरी 2020 में उनको सबसे पहले जिला कारागार लाया गया था. उनकी पत्नी तजीन फातिमा, बेटा अब्दुल्ला आजम भी कारागार लाए गए थे. हालांकि इस बार बेटे अब्दुल्ला आजम को हरदोई जेल भेज दिया गया है. वहीं आजम की पत्नी तजीन फातिमा रामपुर की जेल में बंद हैं.
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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजम खां को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आजम खां के परिवार को जिस प्रकार प्रताड़ित किये जाने का कुचक्र चल रहा है, वो बेहद निंदनीय है. परिवार के सदस्यों को अलग-अलग करना सत्ताधारियों की सियासत का पुराना चलन है और उम्र के तकाजे से किसी भी हाल में जायज नहीं. उन्होंने कहा कि इंसाफ के लिए उनके संघर्ष में सब साथ खड़े रहे हैं और रहेंगे. वहीं सपा के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा कि कहा कि यह अन्याय है. अगर बेटे ने गलत जन्म प्रमाणपत्र लगाया तो उसकी सजा मां-बाप को कैसे?
बताया जा रहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जल्द ही जेल में आजम खां से मुलाकात करने आ सकते हैं. इससे पहले पार्टी नेताओं ने रविवार को आजम से मिलने की कोशिश की, लेकिन जेल प्रशासन ने नियमों का हवाला देकर मुलाकात कराने से इनकार कर दिया. पिछली बार जब आजम करीब 26 महीने यहां की जेल में रहे थे, तब अखिलेश यादव एक बार उनसे मिलने आए थे. इसे अलावा शिवपाल यादव के भी आजम से मिलने के लिए पहुंचने की बात कही जा रही है.
इससे पहले शासन के निर्देश पर आजम खां को रविवार सुबह पांच बजे रामपुर से सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया. सुबह रामपुर जेल से बाहर आने पर आजम ने कहा कि हमारा एनकाउंटर भी हो सकता है. उन्होंने गाड़ी पर बीच की सीट पर बैठने से इनकार किया. आजम ने पुलिस अफसरों से कहा कि मेरी कमर में तकलीफ है, मैं इसमें नहीं बैठ सकता. कम से कम हमारी उम्र का ख्याल तो रखिए. आजम को पुलिस की बाेलेरो गाड़ी से जबकि अब्दुल्ला को कैदी वाहन से रवाना किया गया. डीजी जेल एसएन साबत ने बताया कि दोनों को सुबह दस बजे तक सुरक्षित शिफ्ट कर दिया गया.