लखनऊ: डूंगरपुर केस में सपा नेता मो.आजम खां (Azam Khan) को कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है. साथ ही पांच लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में कोर्ट ने शनिवार 16 मार्च को आजम खां सहित चार लोगों को दोषी करार दिया था. सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, बरेली के ठेकेदार बरकत अली, रामपुर के पूर्व पालिका अध्यक्ष अहमद खां को पांच साल की सजा सुनाई है. गौरतलब है कि ये मामला 3 फरवरी 2016 का है. आरोप है कि पुलिस लाइन के पास कुछ लोगों के मकान बने हुए थे. जिसे सरकारी मकान बताकर तोड़ दिया गया था. इस पर 2019 में बीजेपी सरकार आने पर जेल रोड निवासी एहतेशाम ने मुकदमा दर्ज कराया था.
ये है मामला
एहतेशाम का आरोप है कि सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, बरेली के ठेकेदार बरकत अली, रामपुर के पूर्व पालिका अध्यक्ष अहमद खां पुलिस वालों के साथ उनके घर में घुस गए थे. उन्हें मारापीटा और घर से निकाल दिया. 25 हजार रुपये और एक मोबाइल फोन भी लूट लिया. इसकी शिकायत जब सपा सरकार में मंत्री आजम खां से की गई तो उनकी बात सुनने की जगह मारपीट कर भगा दिया गया. रामपुर एमपी एलएलए कोर्ट ने इस मामले में शनिवार को सुनवाई की थी. जिसमें पूर्व मंत्री आजम खां, सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, बरेली के ठेकेदार बरकत अली, रामपुर के पूर्व पालिका अध्यक्ष अहमद खां को दोषी करार दिया गया. जबकि सपा नेता ओमेंद्र चौहान, फरमान और जिबरान को बरी कर दिया गया. कोर्ट ने लूट की धारा को हटा दिया है.
डूंगरपुर मामले में 12 मुकदमे
रामपुर की डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने के मामले में 2019 में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में 12 मुकदमे दर्ज हुए थे. इसमें सभी वादी बस्ती के लोग थे. डूंगरपुर से जुड़े एक मामले में आजम खां को बरी कर दिया गया है. ये मुकदमा महिला रूबी ने लिखाया था. इस मुकदमे की सुनवाई के लिए आजम खां को सीतापुर जेल से रामपुर लाया जाएगा.