लखनऊ: बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में आईसीयू में भर्ती मरीज का पैर चूहे ने कुतर दिया. इसकी जानकारी जब वहां के स्टाफ को दी गयी तो उन्होंने ध्यान नहीं दिया. इसके बाद फिर मरीज के परिवारीजनों ने पैर से खून निकलने की शिकायत की तो पट्टी करके मामले को छिपा लिया गया. तीन दिन बाद इस मामले की जानकारी जब मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को हुई तो उन्होंने इस मामले में जांच के आदेश दिये हैं.
बदायूं के दातागंज निवासी रामसेवक गुप्ता को कुछ दिन पहले उनके परिजनों ने मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया था. लगभग एक सप्ताह से उनकी हालत गंभीर थी. बताया जा रहा है कि परिजनों ने रामसेवक गुप्ता के शरीर पर कुछ खरोंच के निशान देखे. इसकी जानकारी आईसीयू स्टाफ को दी गयी. लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया.
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रविवार शाम को राम सेवक की पत्नी शाम को आईसीयू के अंदर गयी तो उसने देखा की एक चूहा उनके पति की उंगलियां कुतर रहा था. उंगलियों से खून भी निकल रहा था. इसकी जानकारी आईसीयू के स्टाफ को दी गयी तो, उन्होंने फिर से लापरवाही बरती. इस पर परिजनों ने वहां हंगामा शुरूकर दिया. इस पर स्टाफ ने उंगलियों की ड्रेसिंग करके पट्टी कर दी. लेकिन चूहा कहां से आ रहा है, इसकी जांच नहीं की.
बताया जा रहा है कि आईसीयू में चूहे द्वारा मरीज का पैर कुतरने की सूचना बदायूं मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एनसी प्रजापति तक पहुंच गयी. उन्होंने स्वयं आईसीयू का निरीक्षण किया और पूरे मामले की जानकारी ली. इसके बाद सीएमएस डॉ. सीपी सिंह को 48 घंटे में मामले की जांच करके रिपोर्ट देने के निर्देश दिये.
प्राचार्य डॉ.एनसी प्रजापति के अनुसार चूहे में मरीज राम सेवक गुप्ता के दाएं पैर को कुतरा था. यह आईसीयू में चूहा ऑक्सीजन पाइप के पास बने छेद से घुसा था. उन्होंने मामले को छिपाने को लेकर स्टाफ पर नाराजगी जतायी है. साथ ही दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है.
उधर मरीज राम सेवक गुप्ता को सोमवार शाम को डिस्चार्ज कर दिया गया है. उनकी सेहत में कुछ सुधार था. परिवारीजनों ने कहा कि बेहतर इलाज से मरीज को राहत मिली है. यदि उन्होंने देखा नहीं होता तो चूहा मरीज का पैर कुतरता रहता.
गौरतलब है कि राम सेवक गुप्ता सड़क दुर्घटना में घायल हुए थे. उन्हें पहले दिल्ली के अस्पताल में इलाज के लिये ले जाया गया था. हालत में सुधार के बाद उन्हें घर ले जाया गया था. दोबारा तबीयत गड़बड़ होने पर उन्हें बदायूं मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था.
उधर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी आईसीयू में चूहे द्वारा मरीज के पैर को कुतरने के मामले का संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में चूहे से निपटने के पुख्ता इंतजाम किया जाए. उन्होंने तीन दिन के अंदर चूहों से निपटने की कार्रवाई से अवगत कराने के निर्देश दिये हैं.
बदायूं के पूर्व सांसद और सपा नेता ने धर्मेंद यादव ने भी इस घटना पर दु:ख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि ”दुखद, शर्मनाक, अक्षमनीय. जिस मेडिकल कॉलेज को सपा ने बदायूं के नागरिकों को विश्व स्तरीय इलाज के लिए दिया था, उसमे मरीज़ों का ये हाल होगा कभी सोचा भी नहीं था. इस दुर्दशा और लापरवाही के ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ तुरंत आपराधिक मामला दर्ज कर सजा मिलने चाहिये. हॉस्पिटल को ज़रूरी फंड्स भी मिलना चाहिए, जिससे इलाज की गुणवत्ता और बढ़ाई जा सके.”