लखनऊ. बाहुबली मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे और मऊ विधान सभा क्षेत्र से विधायक अब्बास अंसारी की विवादित बयान (हेट स्पीच) मामले में मुश्किल बढ़ गयी हैं. मऊ की एमपी- एमएलए कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. अब्बास अंसारी ने विधान सभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में अधिकारियों को हिसाब करने की धमकी दी थी. सीजेएम श्वेता चौधरी ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए सहायक अभियोजन पदाधिकारी की दलील ओर केस डायरी का अवलोकन के बाद जमानत अर्जी खारिज करने का फैसला दिया. कोर्ट में सदर विधायक के अलावा उनके भाई उमर अंसारी, चुनाव एजेंट मंसूर अंसारी आदि के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया गया था.
अब्बास अंसारी ने बीते साल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSPA) के टिकट पर मऊ की सदर सीट से चुनाव लड़ा था. 3 मार्च 22 को कोतवाली क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने धमकी दी थी. पहाड़पुर मैदान के मंच से कहा था कि चुनाव के बाद मऊ प्रशासन को रोककर हिसाब किताब करेंगे. उनका तबादला कर दिया जाएगा. अधिकारियों को सबक सिखाने की धमकी खुले मंच से दी गई थी.
अब्बास अंसारी के इस बयान के खिलाफ चुनाव आयोग के सख्त रवैया अपनाया था. आयोग के निर्देश पर केस दर्ज हुआ था. दरोगा गंगाराम बिंद ने मऊ कोतवाली में एफआईआर दर्ज करायी थी. अंसारी के खिलाफ धारा 506, 171 एफ,186,189,153 ए, 120 बी में कांड संख्या 97/ 22 दर्ज किया गया था. पुलिस ने अपनी जांच में विधायक अंसारी को हेट स्पीच का दोषी मानते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी थी. अब्बास अंसारी ने चार्जशीट को खारिज कराने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन उच्च न्यायालय ने याचिका को ही खारिज कर दिया.