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मुख्तार अंसारी पर एक्शन, आयकर विभाग ने की 12 करोड़ की संपत्ति अटैच, महिला रिश्तेदार के नाम खरीदी थी जमीन

मुख्तार अंसारी के खिलाफ पहले भी इस तरह का एक्शन लिया जा चुका है. माफिया की गाजीपुर में इसी तरह की संपत्ति को कुर्क किया जा चुका है. मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्तियों को जहां जांच एजेंसियां खंगालने में जुटी हैं. वहीं माफिया के खिलाफ गैंगस्टर मामले में अब 5 अक्टूबर को सुनवाई होगी.

Lucknow: माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई की गई है. राजधानी लखनऊ में उसकी अवैध संपत्ति पर कानूनी शिकंजा कसा गया है. आयकर विभाग ने मुख्तार अंसारी की 12 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति को अटैच किया है. यह संपत्ति राजधानी लखनऊ के पॉश इलाके कहे जाने वाले डालीबाग में स्थित है. इससे पहले भी मुख्तार के खिलाफ इस तरह का एक्शन लिया जा चुका है. माफिया की गाजीपुर में इसी तरह की संपत्ति को कुर्क किया जा चुका है. जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के गैरकानूनी तरीके से बनाए आर्थिक साम्राज्य पर एक के बाद एक कानूनी शिकंजा कसा जा रहा है.

मुख्तार की करीबी महिला रिश्तेदार के नाम है प्रापर्टी

मुख्तार अंसारी इस समय बांदा जेल में बंद है. बताया जा रहा है कि लखनऊ के डालीबाग इलाके में स्थित 3234 स्क्वायर फीट के प्लाट 13-C/ 3 को इनकम टैक्स ने बेनामी संपत्ति मानते हुए सीज किया है. यह प्लॉट मुख्तार अंसारी के करीबी महिला रिश्तेदार तनवीर सहर के नाम पर दर्ज है. कागजों में प्लॉट की कीमत 76 लाख है, जबकि मार्केट में इसकी कीमत करीब 10 से 12 करोड़ रुपए बताई जा रही है.

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गैंगस्टर एक्ट में 5 अक्टूबर को सुनवाई

मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्तियों को जहां जांच एजेंसियां खंगालने में जुटी हैं. वहीं माफिया के खिलाफ गैंगस्टर मामले में अब 5 अक्टूबर को सुनवाई होगी.ये प्रकरण गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में है. मुख्तार अंसारी की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराई जाएगी. वर्ष 2009 में करंडा थाना क्षेत्र के सबुआ के रहने वाले कपिलदेव सिंह की हत्या हो गई थी. इसी वर्ष मुहम्मदाबाद के रहने वाले अमीर हसन नाम के व्यक्ति के हत्या का प्रयास हुआ था. इन दोनों मामले को आधार बनाकर मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की धारा के तहत करंडा थाने में केस दर्ज हुआ था.

मूल केस में दोषमुक्त हो चुका है मुख्तार अंसारी

हालांकि दोनों मामलों के मूल केस में मुख्तार अंसारी को पहले ही कोर्ट दोषमुक्त घोषित कर चुका है. लेकिन, गैंगस्टर मामले में फैसला आना बाकी है. इस मामले में अभियोजन और मुख्तार अंसारी की ओर से एमपी एमएलए कोर्ट के जज दुर्गेश की अदालत में बहस की कार्रवाई हो चुकी है. इस मामले में पीठासीन न्यायाधीश दुर्गेश का गैर जनपद स्थानांतरण हो गया है. इसके बाद विशेष न्यायधीश एमपी एमएलए अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर तीन अरविंद मिश्रा को बनाया गया है.

कैंट थाना में दर्ज मामले में गवाही नहीं कराने की मांग

वहीं लखनऊ के कैंट थानाक्षेत्र में हमले के मामले में मुख्तार अंसारी ने गवाह की गवाही नहीं कराने की मांग की है. उसने आशंका जताई है कि गवाह टूट सकता है. एमपी-एमएलए के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने मुख्तार के गवाह रमेश की गवाही को समाप्त कर दिया. मामले में 16 अक्तूबर को सुनवाई होगी. मुख्तार अंसारी की ओर से कोर्ट में अर्जी देकर बताया गया कि वह मामले का वादी है और उसने घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए रमेश को तहरीर लेकर भेजा था, जिसकी गवाही होनी है.

मुख्तार अंसारी ने आरोप लगाया कि विपक्षी बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह समेत अन्य ने गवाह रमेश को रुपए का लालच और धमकी देकर पक्ष में गवाही देने के लिए मजबूर कर दिया है. लिहाजा रमेश की गवाही को डिस्चार्ज कर दिया जाए. दूसरी ओर, ब्रजेश सिंह के वकील अवधेश सिंह और वरुण चंद्रा ने आरोपों को झूठा और निराधार बताया है. सरकारी वकील ने भी मुख्तार की अर्जी का समर्थन करते हुए बताया कि गवाह रमेश ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर जनपद के मरदह थाने में 15 सितंबर को रिपोर्ट दर्ज कराई है. लिहाजा गवाह की गवाही नहीं करानी चाहिए. कोर्ट ने गवाह रमेश को गवाही से डिस्चार्ज करने का आदेश दिया.

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