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मध्य प्रदेश-राजस्थान की सियासी तपिश बढ़ाएंगे यूपी के भाजपा नेता, मिली जिम्मेदारी, अखिलेश यादव ने भी लगाया जोर

मध्य प्रदेश और राजस्थान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी चुनावी जनसभाएं आयोजित की जाएंगी. सीएम योगी की इन राज्यों में काफी मांग है और भाजपा प्रत्याशी चाहते हैं कि उनके विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री की चुनाव प्रचार के लिए जरूर पहुंचे. ऐसे में भाजपा ने जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है.

MP Rajasthan Assembly chunav 2023: देश में मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा गरम है. भाजपा मध्य प्रदेश में एक बार फिर सत्ता बरकरार रखने के लिए जोर लगा रही है, तो दूसरी ओर राजस्थान में उसकी कोशिश सत्ता वापसी की है. इसके लिए उत्तर प्रदेश से भी नेताओं को इन दोनों राज्यों में चुनावी प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. ये नेता मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का काम करेंगे. इसके साथ ही इन दोनों राज्यों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी चुनावी जनसभाएं आयोजित की जाएंगी. सीएम योगी की इन राज्यों में काफी मांग है और भाजपा प्रत्याशी चाहते हैं कि उनके विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री की चुनाव प्रचार के लिए जरूर पहुंचे. ऐसे में भाजपा ने जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी ने इन दोनों राज्यों में उत्तर प्रदेश के पार्टी नेताओं को भी मैदान में उतार दिया है. ये नेbjpता मैदान से बाहर रहकर लड़ाई लड़ने के लिए डेरा डालने जा रहे हैं. प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी चुनाव प्रचार के लिए पड़ोसी राज्यों में जाएंगे.

मध्य प्रदेश-राजस्थान में कमल खिलाने का जिम्मा यूपी के नेताओं को

इस तरह राजस्थान और मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की चुनावी बागडोर उत्तर प्रदेश के दिग्गज मंत्रियों और पार्टी के पदाधिकारियों के हाथ रहेगी. एक छोर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक प्रचार करेंगे तो दूसरी ओर प्रदेश सरकार के मंत्री और पार्टी पदाधिकारी चुनावी प्रबंधन देखेंगे. मध्य प्रदेश में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा में सीएम योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद, ब्रजेश पाठक और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री बेबीरानी मौर्य शामिल होंगी. यहां चुनाव प्रबंधन की कमान सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर के हाथ में है. उन्हें भोपाल संभाग के 25 विधानसभा क्षेत्रों का प्रभारी भी बनाया है. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी को मध्य प्रदेश में दस विधानसभा और तीन लोकसभा क्षेत्रों का प्रभारी बनाया गया है.

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मध्य प्रदेश में इन नेताओं का सौंपी गई जिम्मेदारी

मध्य प्रदेश में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को भोपाल नगर व ग्रामीण क्षेत्र में चुनाव प्रबंधन की कमान सौंपी गई है. पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य डॉ.दिनेश शर्मा को हरदा जिले के विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी गतिविधियों की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है. सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर भोपाल संभाग में पार्टी की चुनावी राह सुगम बनाने में जुटे हुए हैं. महिला कल्याण मंत्री बेबी रानी मौर्य को ग्वालियर देहात क्षेत्र में पार्टी की चुनावी संभावनाओं को चार चांद लगाने के लिए भेजा गया है. जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को सतना, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर को शिवनी, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल को दमोह, परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह को बालाघाट, आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र दयालु को दतिया और उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को रायसेन जिले में कमल खिलाने का दायित्व दिया गया है. फतेहपुर सीकरी के भाजपा सांसद राजकुमार चाहर को छतरपुर, बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी को ग्वालियर नगर और ग्रामीण तथा श्योपुर और पार्टी के प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह को विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी तैयारियों को परवान चढ़ाने का जिम्मा सौंपा गया है. वहीं भोपाल में भाजपा के प्रवासी कार्यकर्ताओं की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी शामिल हुए.

उत्तर प्रदेश भाजपा के बड़े नेताओं की लगाई गई ड्यूटी

  • ब्रजेश पाठक (डिप्टी सीएम) भोपाल

  • स्वतंत्र देव सिंह(कैबिनेट मंत्री) – सतना

  • दयाशंकर सिंह(परिवहन मंत्री) – बालाघाट

  • बेबीरानी मौर्य (मंत्री) – ग्वालियर

  • दिनेश प्रताप सिंह (मंत्री) -रायसेन

  • दयाशंकर मिश्र दयालु(मंत्री) – दतिया

  • कपिलदेव अग्रवाल(मंत्री) – दमोह

  • अनिल राजभर(मंत्री) – सिवनी

  • जेपीएस राठौर(मंत्री) – भोपाल संभाग

  • पंकज सिंह (विधायक)- विदिशा

राजस्थान में इन नेताओं को माहौल बनाने का जिम्मा

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भी उत्तर प्रदेश के भाजपा नेताओं और पदाधिकारियों को बागडोर सौंपी गई है. पूर्व मंत्री और एमएलसी महेन्द्र सिंह को अजमेर संभाग में पार्टी की राह में कील-कांटे दुरुस्त करने के लिए भेजा गया है. प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला को जयपुर में भाजपा प्रदेश मुख्यालय में चुनावी गतिविधियों के समन्वय और पर्यवेक्षण का दायित्व सौंपा गया है. समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, प्रतापगढ़ के भाजपा सांसद और पार्टी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री संगम लाल गुप्ता, राज्य सभा सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री सुरेन्द्र नागर तथा राज्य सभा सदस्य व भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय पाल तोमर को भी राजस्थान में चुनावी तैयारियों की धार पैनी करने के उद्देश्य से भेजा गया है. इससे पहले भाजपा ने उप्र के अपने 100 विधायकों को मध्य प्रदेश, 65 को राजस्थान और 10 को तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत जमीनी फीडबैक हासिल करने के लिए 10 दिवसीय प्रवास पर भेजा था.

अखिलेश यादव को मध्य प्रदेश से काफी उम्मीदें

वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मध्य प्रदेश में अपने प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने के लिए जुट गए हैं. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार समाजवादी पार्टी को भी काफी उम्मीदें हैं. भाजपा का किला भेदने के लिए सपा भी विंध्य के रास्ते मध्यप्रदेश में प्रवेश कर चुकी हैं. अखिलेश यादव ने रीवा के सिरमौर विधानसभा सीट में सपा प्रत्याशी लक्ष्मण तिवारी के समर्थन में प्रचार किया. इस दौरान अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भी बड़ा बयान दिया.

दिल्ली की सरकार से भी लें हिसाब

अखिलेश यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश के रीवा में उम्मीद से ज्यादा समर्थन दिखाई पड़ा है, मैं नहीं समझता था कि इतना समर्थन समाजवादी पार्टी का होगा. मुझे पूरा भरोसा है कि इस बार समाजवादी पार्टी पर जनता का आशीर्वाद रहेगा. भाजपा पहले इस आकलन में थी की चुनाव पहले दिल्ली का हो. लेकिन, अब यह महसूस हो रहा है कि पहले चुनाव प्रदेश का होगा इसके बाद दिल्ली का होगा. इसलिए मैं जनता से अपील करना चाहता हूं कि हिसाब किताब केवल प्रदेश की सरकार से ना लें बल्कि दिल्ली की सरकार से भी लेना चाहिए. समाजवादी पार्टी के इंडिया गठबंधन में शामिल होने पर अखिलेश यादव ने कहा कि हम इंडिया गठबंधन में हैं, समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है. लेकिन, सपा की अपनी एक अलग लड़ाई है.अखिलेश यादव का यह बयान अहम माना जा रहा है कि क्योंकि सपा मध्य प्रदेश का चुनाव अलग लड़ रही है.

शिवराज सरकार पर उठाए सवाल

अखिलेश यादव ने इस दौरान सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि भाजपा ने जो किसानों को सुविधा देने की बात कही किसने की आय दोगुनी कर देंगे. लेकिन, आज भी जब चुनाव होने जा रहा है, कितने वर्षों के बाद भी किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई है. प्रदेश और देश में सरकार होने के बाद भी मध्य प्रदेश में महिला उत्पीड़न महिलाओं के साथ अन्याय बेटियों के साथ अन्याय आदिवासियों के साथ अन्याय दिख रहा है, खासकर दलित महिलाओं के साथ जो अन्याय हो रहा है उसमें सबसे आगे अगर कोई प्रदेश दिखाई दे रहा है तो वो मध्य प्रदेश है. बेरोजगारों की संख्या में भी मध्य प्रदेश आगे हैं.

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