किंग खान के नाम से मशहूर बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान की पत्नी गौरी खान को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने नोटिस भेजा है. लखनऊ की तुलसियानी ग्रुप ने साल 2015 में उन्हें ब्रांड एम्बेसडर बनाया था. इस दौरान कंपनी द्वारा किए गए पेमेंट की जानकारी मांगी है. तुलसियानी ग्रुप (Tulsiani Group) पर धोखाधड़ी समेत कई अन्य मामले सुशांत गोल्फ सिटी समेत कई थाने में दर्ज है. तुलसियानी ग्रुप पर दर्ज धोखाधड़ी के एक मुकदमे में गौरी खान को भी आरोपी बनाया गया था. तुलसियानी ग्रुप पर बैंक का 30 करोड़ रुपए हड़पने की भी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है. प्रवर्तन निदेशालय की लखनऊ शाखा ने एक्टर शाहरुख खान की पत्नी गौरी खान को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है. तुलसियानी ग्रुप के द्वारा उनके बैंक अकाउंट में कितना पेमेंट किया गया है. तुलसियानी ग्रुप के पेमेंट और ग्रुप की ब्रांड एंबेसडर बनाए जाने को लेकर क्या शर्तें रखी गई थी. प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, गौरी खान को नोटिस का जवाब अपने वकील के माध्यम से दाखिल करना होगा. अगर प्रवर्तन निदेशालय उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होता है तो गौरी खान को कार्यालय में आना भी पड़ सकता है.
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इस विवादित कंपनी से जुड़ा है गौरी खान
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जानें किन लोगों ने दर्ज कराई है शिकायत
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गौरतलब है कि लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में मुंबई के रहने वाले किरीट जसवंत शाह ने फरवरी 2022 में तुलसियानी ग्रुप के निदेशक अनिल कुमार, महेश तुलसियानी और गौरी खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. उन्होंने पुलिस से शिकायत कहा था कि गौरी खान द्वारा कंपनी का प्रचार करने की वजह से साल 2015 में तुलसियानी ग्रुप से करीब 85 लाख रुपए कीमत का फ्लैट खरीदा था. बाद में कंपनी ने उनको कब्जा नहीं दिया और उनकी रकम भी वापस नहीं किया. तुलसियानी बिल्डर लुभावनी स्कीम पर लोगों को फ्लैट देने का वादा करके उनसे पैसे जमा करा रहा था. जबकि उसके पास जमीन तक नहीं थी. कंपनी के निदेशक राजधानी स्थित अंसल की सुशांत गोल्फ सिटी में फ्लैट बनाने का झांसा देकर रकम जमा कराते थे. फ्लैट नहीं मिलने पर पिछले 5 सालों के दौरान दर्जनों निवेशकों ने कंपनी पर मुकदमा दर्ज कराया है. इसके बाद बिल्डर ने सुशांत गोल्फ सिटी में फ्लैट बनाए, लेकिन निवेशकों को कब्जा देने में टालमटोल करता रहा. इसकी रेरा में शिकायत होने पर तीन फ्लैट जब्त किए गए थे.
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पंजाब नेशनल बैंक के कर्ज की रकम और फ्लैट देने के नाम पर तमाम निवेशकों की कमाई को हड़पने वाले लखनऊ के तुलसियानी बिल्डर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी के निदेशकों, प्रमोटर्स और गारंटर्स को नोटिस देकर तलब किया है. प्रवर्तन निदेशालय ने तुलसियानी बिल्डर के खिलाफ यह कार्रवाई पुलिस में पंजाब नेशनल बैंक और तमाम निवेशकों द्वारा एफआईआर दर्ज कराई है. प्रवर्तन निदेशालय की शुरूआती जांच में सामने आया है कि तुलसियानी बिल्डर ने जाली दस्तावेज जमाकर 4.63 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. जब बैंक ने कर्ज वसूली के लिए पत्राचार किया तो बिल्डर ने कोई जवाब नहीं दिया. बैंक मैनेजर की शिकायत पर तुलसियानी ग्रुप के निदेशक महेश तुलसियानी, अनिल कुमार तुलसियानी और पूर्व निदेशकों पर राजधानी की हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था. वहीं निवेशकों का करोड़ों रुपए हड़पने के आरोप में लखनऊ पुलिस अजय तुलसियानी और अनिल कुमार तुलसियानी को गिरफ्तार किया था. प्रवर्तन निदेशालय की प्रारंभिक पड़ताल में निवेशकों और बैंक का 30 करोड़ रुपए से अधिक रकम हड़पने की पुष्टि हो चुकी है.