Lucknow : देश के कई महिला एथलीटों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना समेत कई आरोप लगाए गए हैं. जिसके चलते जंतर मंतर पर लगभग तीन महीने से विरोध-प्रदर्शन जारी है. जिसमें विनेश फोगट और बजरंग पुनिया जैसी कुश्ती की कई प्रमुख हस्तियां शामिल हैं. जो बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है.
दरअसल, बृजभूषण शरण सिंह वर्तमान में गोंडा जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद हैं. यह पहली बार नहीं है जब वे विवादों में है. उनका विवादों से पुराना नाता रहा है. साल 1988 में राजनीति में कदम रखने वाले बृजभूषण शरण सिंह 6 बार के सांसद हैं. उनकी पत्नी केतकी देवी सिंह भी एक बार सांसद रह चुकी हैं. इसके अलावा उनके बेटे प्रतीक भूषण सिंह भी गोंडा की सदर सीट से लगातार 2 बार के विधायक हैं.
चुनावी हलफनामे के मुताबिक सांसद बृजभूषण शरण सिंह के पास करीब 10 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है. वहीं उनकी पत्नी के पास करीब 6 करोड़ रुपए की संपत्ति है. वहीं उनके 54 से अधिक महाविद्यालय और विद्यालय, नर्सिंग कॉलेज चलते हैं. इन संस्थानों में अधिकतर के प्रबंधक और संचालक या तो वे खुद हैं या उनके परिवार का कोई सदस्य है. होटल व्यवसाय से भी इनका नाम जुड़े हैं. बृजभूषण के पास अपने गृहनगर गोंडा के अलावा लखनऊ में तमाम चल और अचल संपत्ति है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वे एक से अधिक प्राइवेट जेट और हेलीकॉप्टर के मालिक भी बताए जाते हैं.
उन्हें महंगी गाड़ियों का शौक है. उनके काफिले में कई लग्जरी गाड़ियां शामिल हैं, इनमें से कई की कीमत करोड़ों में है. वहीं बृजभूषण सिंह हथियारों के शौकीन हैं. चुनावी हलफमाने में दिए ब्योरे के मुताबिक उनके पास एक पिस्टल, एक राइफल और एक रिपीटर है, जबकि उनकी पत्नी के नाम पर भी एक राइफल और एक रिपीटर है. वह 2011 से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद पर काबिज हैं.
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में कांग्रेसी नेता चंद्रभान शरण सिंह के परिवार में 8 जनवरी, 1957 को बृजभूषण शरण सिंह का जन्म हुआ था. कॉलेज के दिनों से ही बृजभूषण छात्र राजनीति में सक्रिय थे. सत्तर के दशक में के.एस. साकेत महाविद्यालय, अयोध्या में महामंत्री चुने गए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छात्र राजनीति के दौरान ही कॉलेज के किसी मामले में उन्होंने हैंडग्रेनेड चला दिया था, जिसके बाद उनका नाम उछला और फिर राजनीति में वो सक्रिय होते गए.
वहीं बृजभूषण ने 1987 में जिले के गन्ना डायरेक्टरी के चुनाव में पर्चा भर दिया. बृजभूषण को SP ने बुलाया और उन्हें गाली देते हुए नामांकन वापस लेने की धमकी दी. वहीं बृजभूषण एक इंटरव्यू में बताते हैं, ‘मैंने उस SP पर पिस्टल तान दी और उसे 200 गालियां दीं. स्थानीय पत्रकार हनुमान सिंह सुधाकर वहीं थे. इसके बाद मैंने अपनी बाइक उठाई और वहां से निकल गया.’
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी समेत जो 40 लोग आरोपी बनाए गए, उनमें बृजभूषण शरण सिंह का भी नाम शामिल था. एक इंटरव्यू में बृजभूषण ने बताया कि जब कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद पर हमला किया तो किसी के पास कोई हथियार नहीं था. वहां पास में कृष्णा गोयल का काम चल रहा था. हमने स्टोर रूम तोड़ा और कारसेवकों तक गैती फरुआ पहुंचाया. हमने गिराया नहीं है, लेकिन रात 10 बजे तक हम वहीं थे. इस मामले में CBI की स्पेशल कोर्ट ने साल 2020 में बृजभूषण शरण सिंह समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.
छात्र राजनीति और जन्मभूमि आंदोलन की वजह से बृजभूषण क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हो चुके थे. 1991 में जब BJP ने बृजभूषण सिंह को लोकसभा टिकट दिया तब इनके खिलाफ कुल 34 आपराधिक मामले दर्ज हो चुके थे. उस समय भाजपा ने बृजभूषण को गोंडा का रॉबिनहुड कहकर बचाव किया. वो बड़े अंतर से चुनाव जीते.
जब बृजभूषण सिंह पर अंडरवर्ल्ड के साथ जुड़ाव के आरोप लगे, तब वे 1996 में टाडा के तहत तिहाड़ जेल में सजा काट रहे थे, उस समय इनकी पत्नी केतकी सिंह ने गोंडा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा. बृजभूषण के जेल में होने के बावजूद केतकी सिंह ने कांग्रेस के आनंद सिंह को 80,000 वोटों से हराया था.
बृजभूषण सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया कि मायावती का गोंडा में एक कार्यक्रम था. उन्होंने गोंडा का नाम बदलकर लोकनायक जयप्रकाश नगर करने की घोषणा की. मैं मायावती से भिड़ गया. मैंने इसके खिलाफ आंदोलन खड़ा कर दिया. इसकी तस्वीरें लेकर मैं अटल जी के पास गया और अटल जी ने एक फोन पर जिले का नाम रोक दिया, लेकिन ये नामकरण संघ के बड़े नेता नाना जी ने कराया था और फिर मेरा संघ में विरोध शुरू हो गया.
इस घटना के बाद बीजेपी ने गोंडा से बृजभूषण का टिकट काटकर घनश्याम शुक्ल को दे दिया. जिस दिन वोट पड़ रहा था उसी दिन घनश्याम शुक्ल का एक्सीडेंट में निधन हो गया. कुछ दिनों बाद एक्सीडेंट कराने का आरोप बृजभूषण पर लगा. इस घटना की जांच का आदेश CBI को दिया गया. बाद में बृजभूषण भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए. 2009 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से सपा के टिकट पर चुनाव जीते. 2014 के चुनाव से पहले भाजपा में घर वापसी हो गई और तब से भाजपा सांसद हैं.
यूपी में 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा सांसद बृजभूषण शरण का एक इंटरव्यू जमकर वायरल हुआ था. जिसमें उन्होंने खुद एक हत्या की बात कबूली थी. उन्होंने कहा कि मेरे जीवन में एक हत्या मुझसे हुई है. लोग चाहे कुछ भी कहें. रविंद्र को जिस आदमी ने मारा था. उसकी पीठ पर राइफल से मैंने गोली मारी थी.
दरअसल, यह मामला 1983 का है. रविंद्र सिंह, अवधेश सिंह और बृजभूषण तीनों दोस्त थे. ये खनन के ठेके लेते थे. तीनों दोस्त एक जगह गए तो वहां पर विवाद हो गया. वहां उनके दोस्त को किसी ने गोली मार दी. इसके बाद बृजभूषण ने हमला करने वाले को गोली मार दी. बताया जाता है कि इस मामले में कोर्ट ने उनको बरी कर दिया.