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सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया 30 करोड़ पौधरोपण अभियान का शुभारंभ, हरित क्षेत्र को 15 फीसदी तक करने का लक्ष्य

यूपी में शनिवार को 30 करोड़ पौधरोपण अभियान का आगाज हो चुका है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं बिजनौर और मुजफ्फरनगर में पौधरोपण करने के साथ विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया. उन्होंने प्रदेशवासियो से इस महाभियान को सफल बनाने की अपील की है.

Mega Plantation in UP: यूपी में शनिवार को 30 करोड़ पौधरोपण अभियान का शुभारंभ किया गया. पूरे प्रदेश में विभिन्न विभाग जनसहयोग के जरिए पौधरोपण करा रहे हैं. पौधों का वितरण क्यूआर कोड के जरिए किया जा रहा है. अभी तक 21 करोड़ से अधिक पौधे रोपित किए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभियान की शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पौधरोपण के साथ की. उन्होंने मुजफ्फरनगर के शुक्रताल और बिजनौर में पौधा रोपित किया.

15 अगस्त को लगाए जाएंगे पांच करोड़ पौधे

योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी को हरा-भरा बनाए रखने के लिए 35 करोड़ पौधे लगाने का फैसला किया है. इस महाभियान के तहत शेष पांच करोड़ पौधे 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगाए जाएंगे. योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश के हरित क्षेत्र को 9 से बढ़ाकर 2026-27 तक 15 फीसदी तक ले जाने का भी लक्ष्य रखा है.

बिजनौर में नदी किनारे लगाया कल्प वृक्ष का पौधा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को बिजनौर में नदी किनारे कल्प वृक्ष पौधा लगाया. उन्होंने बिजनौर में 435 करोड़ रुपये की परियोजना का शिलान्यास किया. उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए विकास को बेहद जरूरी बताया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विदुर कुटी में राजकीय संस्कृत इंटर कॉलेज की भूमि का शिलान्यास किया. उन्होंने कहा बिजनौर में विदुर कुटी से ही गंगा की धारा होकर गुजरेगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बिजनौर से ही संस्कृत और संस्कृति की धारा फूटेगी.

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उन्होंने कहा कि बिजनौर का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है. ये महात्मा विदुर की पावन साधना स्थली है, जहां गंगापुत्र भीष्म ने भी अपना बाल्य जीवन व्यतीत किया था. ये वो भूमि है जहां पर भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन के मालपुए को छोड़कर महात्मा विदुर के घर सरसों का साग खाया था, क्योंकि महात्मा विदुर सात्विकता और लोककल्याण का प्रतीक हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा विदुर के इस पावन धरा को नमन करते हुए मैं बिजनौर वासियों को और उत्तर प्रदेश वासियों को वृक्षारोपण महाभियान 2023 की हृदय से बधाई देता हूं. उन्होंने कहा कि आज यूपी एक नया रिकॉर्ड बना रहा है, जब 30 करोड़ पौधरोपण अभियान को पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि आज पौधरोपण महाभियान के अवसर पर मां गंगा के तट और महात्मा विदुर की पावन साधना स्थली पर आप सबसे संवाद करने का अवसर प्राप्त हो रहा है. मां गंगा केवल एक नदी नहीं बल्कि ये देव नदी हैं. यही नहीं हमारे यहां वृक्षों में भी देवताओं का वास बताया गया है.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 445 करोड़ रुपए से अधिक लागत की परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि विभागीय योजनाओं को पूरी गुणवत्ता और मानक के साथ निर्धारित समय में पूरा किया जाना सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना एवं राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत लाभार्थियों को प्रतीकात्मक आवास की चाबी एवं चेक तथा स्वास्थ्य विभाग, तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के दो लाभार्थियों को लैपटॉप उपलब्ध कराए.

मुजफ्फरनगर में पंचवटी वाटिका में पौधरोपण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिजनौर के बाद मुजफ्फरनगर में शुकतीर्थ पहुंचे और पौधरोपण किया. वह अक्षय वट वृक्ष की परिक्रमा के बाद सभास्थल पर पहुंचे. उन्होंने मुजफ्फरनगर में में 244 करोड़ रुपये की 77 परियोजनाओं का शिलान्यास किया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीर्थ में गंगा का पानी लाने की योजना का बटन दबाकर शुभारंभ किया. इस दौरान वीडियो के जरिए ले-आउट का प्रदर्शन किया गया. इसके बाद मुख्यमंत्री मंच पर पहुंच गए और जनसभा को संबोधित किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज शुकतीर्थ स्थल पर पतित पावनी मां गंगा की अविरल जलधारा का आगमन हो रहा है. पूज्य संतों और जनप्रतिनिधियों द्वारा शुकतीर्थ पर मां गंगा की पवित्र धारा उपलब्ध कराए जाने की मांग की गई थी. वह सपना आज पूरा हो रहा है. मां गंगा देवनदी हैं.

उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु के चरणों से निकल कर मां गंगा को भगवान शिव ने अपनी जटाओं पर धारण कियां मां गंगा महाराज भगीरथ की तपस्या के कारण इस लोक में आकर हजारों वर्षों से कोटि-कोटि मानवों के उद्धार का कारण बनी हैं. हम सब के जीवन को पावन करने का कार्य देवतुल्य गंगा नदी कर रही हैं. वह गंगा अब शुकतीर्थ से होकर बहेंगी। यह हमारे लिए एक अद्भुत क्षण है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां आने से पूर्व, उन्हें विदुर कुटी, बिजनौर में वृक्षारोपण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. वहां भी लोगों की एक ही मांग है कि जिस प्रकार शुकतीर्थ में मां गंगा की धारा आ गई है, उसी प्रकार विदुर कुटी को भी मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त हो। आज इस कार्य का सर्वे भी करके आए हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र भागवत भूमि है. यह सौभाग्य इस धरती को है कि महाराज शुकदेव के श्रीमुख से सबसे पहले महाराजा परीक्षित ने अपने मोक्ष के लिए इसी पावन धरती पर श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा को सुना था. तब से यह अमर कथा इस सम्पूर्ण धरा के कोटि-कोटि मानवों के उद्धार का कार्य कर रही है, ऐसे शुकतीर्थ की भूमि पर वृक्षारोपण महाभियान के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है. वृक्ष लगाने के साथ ही गोमाता को गुड़ खिलाने का अवसर प्राप्त हुआ.

उन्होंने कहा कि आज से आरम्भ हुए इस जन अभियान में 35 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है. इसमें आज प्रदेश में 30 करोड़ पौधों के रोपण का कार्य किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि धरा हरी-भरी होगी, तो खुशहाली व समृद्धि आएगी. प्रत्येक व्यक्ति वृक्ष लगाए और उनको संरक्षित करने का भी कार्य करे.

शुकतीर्थ में 5,000 वर्ष पुराने अक्षय वट की छांव में आध्यात्मिक शांति मिलती है. 100 वर्ष पुराने वृक्षों के आस-पास चबूतरा बनाकर विरासत वृक्ष के रूप में मान्यता देकर संरक्षित किया जाना चाहिए. वृक्षारोपण अभियान में फलदार तथा औषधीय वृक्षों को लगाएं। सरकार के साथ ही आमजन को भी वृक्षारोपण के लिए अपने स्तर से प्रयास करने चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी विरासत बहुत समृद्ध है, हमारे यहां मान्यता है कि मां का दूध तभी फलदायी होता है, जब व्यक्ति एक पेड़ लगाता है. फलदार वृक्ष लगाना किसी भी व्यक्ति के लिए मां के ऋण से उऋण होने जैसा है. पौधरोपण का अभियान समृद्धि से खुशहाली की ओर का मार्ग प्रशस्त करता है. आज हम सभी उसी के साथ जुड़े हुए हैं. उन्होंने लोगों से एक पौधा लगाने की अपील करते हुए वृक्षारोपण अभियान से जुड़ने का आह्वान किया.

शुकदेव परिसर में पंचवटी वाटिका में पांच पौधों का रोपण कर मुख्यमंत्री सीधे शुकदेव आश्रम पहुंचे. ब्रह्मलीन संत के समाधि मंदिर पर पीठाधीश्वर स्वामी ओमानन्द महाराज के साथ श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्होंने अक्षय वट की परिक्रमा और शुकदेव मंदिर में पूजन किया। इसके बाद सीएम स्वामी ओमानंद की कुटिया में गए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के लिए भागवत पीठ श्री शुकदेव आश्रम में तीर्थ जीर्णोद्धारक, शिक्षा ऋषि वीतराग स्वामी कल्याणदेव के समाधि मंदिर को फूलों से सजाया गया.

मुजफ्फरनगर के शुक्रताल का है बेहद महत्व

मुजफ्फरनगर का शुक्रताल ऐसा पवित्र स्थान है, जहां ऋषि शुकदेव गोस्वामी ने करीब पांच हजार वर्ष पहले अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित को भगवत पुराण सुनाई थी. यहां एक अक्षयवट है, जिसके नीचे बैठकर यह कथा सुनाई गई थी. इस वृक्ष की विशेषता यह है कि यह कभी अपने पत्ते नहीं छोड़ता है. मुख्यमंत्री का कार्यक्रम तय होने के साथ ही वन विभाग ने तैयारियां और तेज कर दी हैं.

आने वाली पीढ़ियों के लिए करें पौधरोपण

सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि हमारे लिए पर्यावरण की रक्षा आस्था का विषय है. हमारे पास प्राकृतिक संसाधन हैं, क्योंकि हमारी पिछली पीढ़ियों ने इन संसाधनों की रक्षा की. हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी ऐसा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन विचारों को आत्मसात करते हुए आज ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ’ थीम पर प्रारंभ हो रहे ‘वृक्षारोपण जन अभियान-2023’ के अंतर्गत प्रदेश में 35 करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया है.

हर व्यक्ति जरूर लगाए एक पौधा

उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य सहजीवन-सहअस्तिव का संदेश देती अपनी सनातन संस्कृति के जीवनदायक मूल्यों से हमारे जुड़ाव को बढ़ाने का एक महा-अनुष्ठान भी है. इसलिए पर्यावरण संरक्षण व पारिस्थितिकी संतुलन को सुनिश्चित करते इस ईश्वरीय कार्य में आप सभी की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि इसलिए सभी से अपील है कि आज कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और इस लोक-कल्याणकारी मुहिम को सफल बनाएं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मनीषा ने वृक्षों को देवतुल्य सम्मान दिया है. वेदों में कहा गया है, ‘रक्षाये प्रकृति पातुं लोका’, अर्थात प्राणि मात्र के लिए प्रकृति की रक्षा कीजिए. वृक्ष न सिर्फ हमारे जीवन के लिए प्राणवायु ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, बल्कि पर्यावरण संतुलन में वृक्षों का अति महत्वपूर्ण योगदान है. हमारे पूर्वजों ने इस महत्व को स्वीकार कर वृक्ष लगाए और उनका संरक्षण किया. आज हमारी बारी है. आइए, पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘वृक्षारोपण महाभियान-2023’ को सफल बनाएं.

विभाग अपने लक्ष्य को पूरा करने में जुटे

योगी आदित्यनाथ सरकार ने सभी के सहयोग से इस लक्ष्य को प्राप्त करने का खाका तैयार किया है. प्रदेश में 35 करोड़ पौधरोपण के लिए वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन की ओर से 14 करोड़, ग्राम्य विकास विभाग को 12.59 करोड़, कृषि को 2.50 करोड़, उद्यान विभाग 1.55 करोड़, पंचायती राज को 1.28 करोड़, राजस्व को 1.06 करोड़, नगर विकास को 35 लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य दिया गया है.

इसके साथ ही उच्च शिक्षा को 18 लाख, रेशम को 14 लाख, लोक निर्माण, रेलवे व जलशक्ति को 13-13 लाख, बेसिक शिक्षा को 12 लाख, स्वास्थ्य विभाग को 11 लाख, उद्योग को 9 लाख, औद्योगिक विकास व माध्यमिक शिक्षा विभाग को आठ-आठ लाख, गृह-पशुपालन को सात-सात लाख, ऊर्जा व सहकारिता को छह-छह लाख, आवास विकास, रक्षा व प्राविधिक शिक्षा को पांच-पांच लाख, श्रम व परिवहन विभाग को तीन-तीन लाख पौधरोपण का लक्ष्य दिया गया है. इसके तहत सभी विभाग पौधरोपण के अपने लक्ष्य को पूरा करने में जुटे हैं. इसकी तस्वीरें और वीडियो भी वन विभाग की वेबसाइट पर पोस्ट की जा रही हैं.

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