लखनऊ: यूपी में इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल (EV) की खरीद पर सब्सिडी की सुविधा शुरू हो गयी है. 14 अक्टूबर के बाद इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वाले ग्राहकों को सब्सिडी का लाभ देने के लिए बुधवार को सब्सिडी पोर्टल upevsubsidy.in को लाइव कर दिया है. पोर्टल पर आवेदन के बाद चार स्तरीय वेरिफिकेशन पूरा होते ही सब्सिडी की राशि ग्राहक के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.
अपर आयुक्त परिवहन राजीव श्रीवास्तव के अनुसार पात्र आवेदक वे होंगे, जिन्होंने नीति की अधिसूचना की तिथि के बाद उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन का क्रय एवं पंजीयन कराया हो. पोर्टल पर आवेदन के बाद चार स्तरीय सत्यापन प्रक्रिया होगी. पहला सत्यापन डीलर के स्तर पर होगा, जबकि उसके बाद रजिस्ट्रेशन और फिर डिपार्टमेंट स्तर पर सत्यापन किया जाएगा. अंत में टीआई सत्यापन करेंगे. पोर्टल पर दी गई जानकारी के अनुसार, सत्यापन पूरा होने के बाद 3 कार्यदिवस में बैंकिंग भागीदार सब्सिडी की राशि ग्राहक के बैंक खाते में भेज देंगे.
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ईवी पर सब्सिडी व्यक्तिगत लाभार्थियों (खरीदार) को दी जाएगी.
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जैसे कि एक व्यक्ति किसी भी एकल वाहन की खरीद पर सब्सिडी का लाभ मिलेगा.
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खरीद सब्सिडी एग्रीगेटर या फ्लीट ऑपरेटरों (खरीदार) को भी मिलेगी, ताकि एक इकाई वाहन खंडों में अधिकतम 10 वाहनों के लिए सब्सिडी का लाभ उठा सकें.
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बिना बैटरी के इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले खरीदारों के लिए लागू खरीद सब्सिडी कुल छूट राशि का 50 प्रतिशत होगी. फिलहाल सब्सिडी प्रदान करने की कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है.
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upevsubsidy.in पोर्टल पर जाकर लॉग इन आईडी बनाना होगा.
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वाहन रजिस्ट्रेशन नंबर पोर्टल में डालना होगा, इसके बाद सारी जानकारी अपडेट हो जाएगी.
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आवेदन को अपनी फोटो और हस्ताक्षर अपलोड करना होगा.
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फोटो और हस्ताक्षर वही मान्य होंगे जो रजिस्ट्रेशन के समय वाहन पोर्टल पर होगा
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बैंक एकाउंट नंबर और IFSC कोड भरना होगा.
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बैंक खाते के सत्यापन के लिये कैंसिल चेक अपलोड करना होगा
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बैंक खाता आवेदक का ही होना अनिवार्य है
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आवेदन का स्टेटस चेक करने के लिये गाड़ी का नंबर और चेसिस नंबर का लास्ट 5 डिजिट डालना होगा
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ऐसे ईवी (EV) वाहन खरीदार से है, जिसने 14 अक्टूबर 2022 के बाद अनुमन्य श्रेणी का इलेक्ट्रिक वाहन अपने नाम से यूपी में खरीदा या पंजीकरण कराया हो
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पोर्टल पर जो फील्ड/कॉलम नहीं भरे होंगे, उन्हें आवेदक को भरना होगा.
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बैंक खाता आवेदक के ही नाम होना अनिवार्य है, किसी अन्य व्यक्ति का बैंक खाता स्वीकार्य नहीं होगा.
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आवेदन जमा करने से पहले आवेदक इस बात की पुष्टि कर लेगा कि उसके द्वारा भरे गए सारे विवरण (वाहन से संबंधित एवं आवेदक के व्यक्तिगत विवरण से संबंधित) सही हैं. त्रुटिपूर्ण एवं गलत सूचना या विवरण भरे जाने पर आवेदक को सब्सिडी देय नहीं होगी।
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पहले दो लाख टू व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहनों को 5,000 रुपए प्रति वाहन सब्सिडी दी जाएगी. यह एक्स फैक्ट्री लागत का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता.
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पहले खरीदे गए 25 हजार फोर व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहनों को 01 लाख रुपए प्रतिवाहन की सीमा तक सब्सिडी दी जाएगी. यह भी एक्स फैक्ट्री लागत का 15 प्रतिशत तक होगा.
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-शुरुआती 400 ई बसों (गैर-सरकारी) को 20 लाख रुपए प्रति वाहन की सीमा तक सब्सिडी का लाभ मिलेगा. यह एक्स फैक्ट्री लागत का 15 प्रतिशत तक हो सकता है.
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पहले 1000 ई-गुड्स कैरियर की खरीद पर एक लाख रुपए प्रति वाहन की सीमा तक सब्सिडी प्राप्त होगी. ई गुड्स कैरियर पर फैक्ट्री लागत का 10 प्रतिशत तक अनुमन्य होगा.
इलेक्ट्रिक वाहनों की कैटेगरी भी स्पष्ट कर दी गयी है. सरकार के अनुसार, EV इलेक्ट्रिक मोटर्स का उपयोग करने वाले सभी ऑटोमोबाइल को संदर्भित करता है जो बैटरी, अल्ट्राकैपेसिटर या ईंधन सेल के जरिये संचालित होते हैं. इनमें सभी दोपहिया, तिपहिया और चौपहिया वाहन, स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (HEV), प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (PHEV), बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल (BEV) और फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल (FCEV) शामिल हैं.
बता दें कि यूपी सरकार की ओर से दी जाने वाली यह छूट केंद्र सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर दी जाने वाली सब्सिडी से अतिरिक्त है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से प्रदान किए गए इन राहतों से सड़क पर दोपहिया वाहनों की लागत 15,000 रुपये से 20,000 रुपये तक और कारों की लागत 1 लाख रुपये तक कम हो जाएगी. यही नहीं, सरकार के इस फैसले से दिल्ली और उत्तर प्रदेश में ईवी के रजिस्ट्रेशन का अंतर खत्म हो जाएगा और इनकी कीमतें राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में एक समान होंगे.