लखनऊ : उत्तर प्रदेश में टीचर की भर्ती के आवेदन करने वाले यदि लिखित परीक्षा पास करते हैं और साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है तो साक्षात्कार बोर्ड को न्यूनतम 40 फीसदी अंक देने होंगे. यही नहीं साक्षात्कार में किसी भी अभ्यर्थी को अधिकतम 90 फीसदी ही अंक दिए जा सकेंगे. राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (यूपीएसईएससी) के नियमों पर एक अधिसूचना जारी की है. इसी के आधार पर शिक्षकों की भर्ती की जाएगी. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि ‘नियमों के तहत यह उल्लेख है कि शिक्षकों और अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए लिखित परीक्षा के आधार पर साक्षात्कार के लिए आमंत्रित उम्मीदवारों को न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक देना अनिवार्य होगा.’ “हालांकि, वे साक्षात्कार में अधिकतम 90 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सकते हैं,” . बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार ने “राज्य में योग्य और सक्षम शिक्षकों और प्रशिक्षकों के निष्पक्ष और पारदर्शी चयन को सुनिश्चित करने के लिए आयोग की स्थापना की है”. “यह आयोग राज्य में बुनियादी, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा के प्रशिक्षकों और सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक कॉलेजों के शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करेगा. “लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवारों में से एक दिन में एक बोर्ड में साक्षात्कार देने वाले उम्मीदवारों की संख्या और प्रत्येक दिन आयोजित किए जाने वाले बोर्ड की संख्या परीक्षा समिति द्वारा आवश्यकतानुसार तय की जाएगी.
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (यूपीएसईएससी) द्वारा लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवारों में से साक्षात्कार के लिए बुलाए गए उम्मीदवारों की संख्या रिक्तियों की संख्या से 3 से 5 गुना होगी (जैसा कि आयोग द्वारा उचित समझा जाएगा). अंतिम अंक (कटऑफ) प्राप्त करने वाले सभी उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाएगा. इसमें यह भी कहा गया है कि शिक्षक या प्रशिक्षक के पदों के लिए , जहां साक्षात्कार आवश्यक है, आयोग लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में प्राप्त अंकों को मिलाकर एक मेरिट सूची जारी करेगा. ऐसे मामलों में जहां केवल लिखित परीक्षा आयोजित की जाती है, आयोग केवल लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर एक मेरिट सूची पैनल तैयार करेगा. “यदि एक से अधिक उम्मीदवारों की योग्यता समान है, तो पहली प्राथमिकता लिखित परीक्षा में प्राप्त अंक होंगे. यदि लिखित परीक्षा में अंक भी बराबर हैं तो साक्षात्कार में प्राप्त अंक माने जायेंगे. यदि दोनों अंक समान हैं, तो पात्रता का अधिकतम प्रतिशत (जेआरएफ, नेट और पीएचडी) माना जाएगा. और यदि वे अभी भी बराबर हैं, तो स्नातकोत्तर अंकों पर अंत में विचार किया जाएगा.