मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को आशियाना स्थित गुरुद्वारे में श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 554वें प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सिख गुरुओं का त्याग, बलिदान, भक्ति, शक्ति, साधना देश और धर्म के लिए अनुकरणीय है. पूरी दुनिया में गुरु नानक जी का प्रकाश फैला है. उन्होंने लोक कल्याण और साधु सेवा में अपना जीवन समर्पित किया.
सीएम योगी ने गुरुद्वारा में गुरु ग्रंथ साहेब को प्रणाम किया. उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने कहा कि एक पक्ष भक्ति के माध्यम से साधना का है तो वहीं दूसरा पक्ष भक्ति के माध्यम से लोक कल्याण और राष्ट्र कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है. भक्ति के माध्यम से गुरु नानक देव जी ने उस कालखंड में बाबर के अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. जात-पात और अन्य संकीर्ण विचारों से मुक्त रहकर कार्य करने की प्रेरणा हमें गुरु नानक देव जी से मिलती है.
सीएम योगी ने कहा कि 2022 में ये राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम बना? लखनऊ से निकली आवाज राष्ट्रव्यापी आवाज बन गई. दशकों से साहबजादा दिवस की मांग उठ रही थी, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर 2022 को साहबजादा बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लेकर पूरा किया.
Also Read: देव दीपावली पर आज क्रूज से 70 देशों के राजदूत देखेंगे काशी का अद्भुत नजारा, 60 घाटों पर एक साथ होगी गंगा आरतीसीएम योगी ने कहा कि सिख धर्म साधना के गूढ़ रहस्यों से भरा पड़ा है. इस परंपरा ने आगे चलकर गुरु तेग बहादुर, गुरु गोविंद सिंह, उनके चार साहबजादों और हजारों सिखों ने देश और धर्म के लिए बलिदान दिया.
सीएम योगी को ने कहा कि गुरुओं का बलिदान देश को एक नई शक्ति और प्रेरणा देता है. खालसा केवल एक पंथ नहीं है, ये देश और धर्म की रक्षा के लिए गुरु कृपा से निकला हुआ प्रकाश पुंज है. इसने विपरीत परिस्थितियों में विदेशी ताकत को झुकने के लिए मजबूर किया था.
Also Read: बरेली में कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, गंगा स्नान पर किया दान और पूजा-पाठसीएम योगी को इस मौके पर आशियाना गुरुद्वारा प्रबंधन ने तलवार भेंट की. सीएम योगी ने कहा कि गुरुओं का बलिदान देश को एक नई शक्ति और प्रेरणा देता है. खालसा केवल एक पंथ नहीं है, ये देश और धर्म की रक्षा के लिए गुरु कृपा से निकला हुआ प्रकाश पुंज है. इसने विपरीत परिस्थितियों में विदेशी ताकत को झुकने के लिए मजबूर किया था.
सीएम योगी को इस मौके पर गुरुद्वारा प्रबंधन ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि एक पक्ष भक्ति के माध्यम से साधना का है तो वहीं दूसरा पक्ष भक्ति के माध्यम से लोक कल्याण और राष्ट्र कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है. भक्ति के माध्यम से गुरु नानक देव जी ने उस कालखंड में बाबर के अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. जात-पात और अन्य संकीर्ण विचारों से मुक्त रहकर कार्य करने की प्रेरणा हमें गुरु नानक देव जी से मिलती है.
Also Read: Indian Railways: मथुरा जंक्शन पर यार्ड रीमॉडलिंग के चलते 70 दिन तक 297 ट्रेनें रहेंगी प्रभावित, देखें लिस्ट