हाथरस कांड: प्रदेश में बहुचर्चित हाथरस के बूलगढ़ी कांड में गुरुवार को कोर्ट ने मुख्य आरोपी संदीप को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. कोर्ट ने आरोपी संदीप को आईपीसी की धारा 304 एससी-एसटी एक्ट के लिए दोषी माना है. दुष्कर्म का आरोप सिद्ध नहीं हुआ है. तीन आरोपियों लवकुश, रामू और रवि को दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया गया है.
हाथरस के थाना चंदपा क्षेत्र के एक गांव में 14 सितंबर 2020 को 19 वर्षीय लड़की के साथ खेत में सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था. पीड़िता बेहोशी की हालत में खेत में पड़ी हुई मिली थी. गंभीर अवस्था में उसे जिला संयुक्त चिकित्सालय ले जाया गया था. वहां से उसे जेएन मेडिकल अलीगढ़ रेफर किया गया था. युवती ने अपने बयान में गांव के चार युवक संदीप ठाकुर, रामू, लवकुश और रवि पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेज दिया.
इसी बीच 29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में युवती की मौत हो गई थी. इसके बाद पुलिस-प्रशासन ने उसी दिन आधी रात में युवती का शव गांव ले जाकर अंतिम संस्कार करा दिया. इसकी वजह से प्रशासन, पुलिस और सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. कोर्ट में दो साल से अधिक चली सुनवाई के दौरान कुल 68 तारीखों में 35 लोगों की गवाही हुई. दोनों पक्षों से जुड़े लोगों ने कोर्ट में जिरह की. घटना के बाद हाथरस पूरे देश में चर्चाओं में आ गया था. इस मामले की एसआईटी के बाद सीबीआई ने भी जांच की थी.
हाथरस कांड पूरे देश में सुर्खियों में रहा था. इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा बूलगढ़ी पहुंची थीं. इनके अलावा केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, संदीप पांडेय, भाकपा नेता सीताराम येंचुरी, डीके राजा, रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के अलावा सपा का प्रतिनिधिमंडल भी मृतक युवती के परिजनों से मिला था. सभी दलों के नेताओं ने इस कांड को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे.