लखनऊ, दिल्ली : हाथरस गैंगरेप कांड में पुलिस ने पीड़िता के गांव की सीमाओं पर बैरिकेड लगा दिये है. पुलिस विपक्षी नेताओं और मीडियाकर्मियों को पीड़िता के गांव में जाने से रोक रही है. प्रशासन का कहना है कि किसी भी नेता और मीडिया को हाथरस के उस गांव में तब तक प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक कथित सामूहिक बलात्कार मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) की जांच पूरी नहीं हो जाती. हाथरस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रकाश कुमार ने कहा कि, ‘‘मौजूदा स्थिति को देखते हुए, राजनीतिक प्रतिनिधियों या मीडिया कर्मियों को गांव में प्रवेश करने की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी जब तक एसआईटी अपनी जांच पूरी नहीं कर लेती.”
Also Read: IPL 2020, CSK vs SRH : जारी है चेन्नई सुपरकिंग्स की हार का सिलसिला, हैदराबाद सात रन से जीता मैच
इसी बीच, टीएमसी का एक प्रतिनिधिमंडल हाथरस के लिए रवाना हुआ. उन्हें हाथरस जिले की सीमा पर ही रोक दिया गया. इस दौरान हुई धक्का-मुक्की में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन नीचे गिर गये. इधर, एडिशनल एसपी ने कहा कि मीडिया को एसआइटी की जांच होने तक रोका गया है. वहीं, सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में माता-बहनों के सम्मान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखनेवालों का समूल नाश सुनिश्चित है. इन सभी को ऐसा दंड मिलेगा, जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा.
-
पीड़िता के गांव में विपक्ष व मीडिया की ‘नो एंट्री’, योगी बोले- दोषियों को देंगे ऐसा दंड, जो उदाहरण बनेगा
-
राहुल के खिलाफ कार्रवाई से नाराज पुडुचेरी के सीएम और कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे
-
अलीगढ़ मुस्लिम विवि के छात्रों ने किया प्रदर्शन
-
दिल्ली में प्रार्थना सभा में शामिल हुईं प्रियंका, बोली- बहन के साथ न्याय होना चाहिए
Also Read: अमेरिका में रह रहे साढ़े छह फीसदी भारतीय गरीब, जानिये भारतीय-अमेरिकी में सबसे ज्यादा गरीब कौन
वहीं, हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद देश में गुस्सा बरकरार है. लखनऊ से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक पारा भी चढ़ा हुआ है. शुक्रवार को यूपी की राजधानी लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. हाथरस कांड के विरोध में मौन व्रत पर बैठने जा रहे सपा कार्यकर्ताओं को हजरतगंज इलाके में पुलिस ने रोकने का प्रयास किया. जब वे नहीं रुके, तो लाठीचार्ज किया और उन्हें आगे नहीं जाने दिया.
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी ने शुक्रवार की देर शाम एसआइटी की रिपोर्ट पर मामले में लापरवाही और ढिलाई बरतने के आरोप में एसपी विक्रांत वीर, डीएसपी राम शबद, तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उपनिरीक्षक जगवीहर सिंह, हेड मुहर्रिर महेश पाल को निलंबित कर दिया गया है. इस मामले में सभी आरोपियों का नार्को टेस्ट के निर्देश दिये गये हैं. वहीं, कांग्रेस सहित विपक्षी दल निलंबन को अपर्याप्त बताते हुए सीएम के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं.
उत्तर प्रदेश प्रशासन सच छिपाने के लिए दरिंदगी पर उतर चुका है. ना तो हमें, ना मीडिया को पीड़िता के परिवार को मिलने दिया और ना उन्हें बाहर आने दे रहे हैं. ऊपर से परिवारजनों के साथ मार-पीट और बर्बरता. कोई भी भारतीय ऐसे बर्ताव का समर्थन नहीं कर सकता.
राहुल गांधी, कांग्रेस नेता
राहुल गांधी के साथ जिस तरह दुर्व्यवहार किया गया, उसका कोई भी समर्थन नहीं कर सकता. पुलिस ने उनका कॉलर पकड़ कर जिस तरह से व्यवहार किया है. उन्हें धक्का दिया गया है और जमीन पर गिराया गया, वह बहुत ही निदंनीय है. यह लोकतंत्र के साथ गैंगरेप है.
संजय राउत, शिवसेना नेता
यूपी पुलिस की संदिग्ध कार्रवाई के कारण भाजपा और यूपी सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा है. मीडिया एवं राजनीतिक दलों के लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने दिया जाए. जिस प्रकार से पुलिस ने पीड़ित परिवार की घेराबंदी की है, उससे आशंकाएं जन्मती हैं.
उमा भारती, भाजपा नेता
हाथरस पीड़िता के भाई ने कहा है कि गांव में पुलिस ने उनके मोबाइल फोन स्विच ऑफ करा दिये हैं. वह खेतों के रास्ते घर से निकल कर बाहर भाग कर आया है. उसने कहा कि घरवाले मीडिया से बात करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें घर में कैद कर दिया गया है. सबके मोबाइल छीन लिये गये हैं और उसके ताऊ की छाती पर लात मारी गयी है.
हाथरस मामले को लेकर शुक्रवार को 12 गांवों के लोगों की पंचायत हुई. इस पंचायत में लोगों ने आरोपियों के पक्ष से मांग उठायी कि पूरे प्रकरण की सीबीआइ जांच की जाए. वहीं, आरोपी और बिटिया पक्ष के लोगों का नारको टेस्ट कराया जाए, जिससे हकीकत सामने आ सके.
भाजपा के पूर्व विधायक राजवीर सिंह पहलवान ने युवती की हत्या के लिए परिजनों को ही जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया कि लड़की को उसके भाई और मां ने ही मारा है. चारों युवक निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया गया है.
Posted by : pritish sahay