लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधान मंडल के बजट सत्र के शुभारंभ पर राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विधान सभा में नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ आई तू तड़ाक की नौबत वाली घटना का जिक्र करते हुए नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सदन में परंपरा का निर्वाह करने की नसीहत दी है. मंगलवार को सदन में बजट पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि नेता सदन ने किसी के पिता के बारे में अगर सदन में कहा तो सामान्य बात है उनको भी वैसा ही सुनने को मिलेगा. ऐसी परंपरा को छोड़ना होगा. भाजपा ने कई परंपरा-रीतिरिवाज को नहीं माना है लेकिन पिता से ऐसी शिक्षा नहीं मिली इस कारण उनका जिक्र नहीं कर रहे हैं.
अखिलेश कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया था कि सपा की सरकार में 46 की जगह 56 एसडीएम भर्ती कर लिये गये, मैं जातियों के नाम पढ़ सकता हूं जिनकी भर्ती हुई थी. 2011 में 30 एसडीएम भर्ती हुए उनमें से मात्र पांच यादव थे. इसके एक साल बाद 2012 में तीन यादव थे. नेता सदन से सूची जारी करने की मांग करते हुए कहा कि समानता के लिये हम जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं. 2013 में छह थे केवल. 2015 में तीन थे. नेता सदन और सरकार इस सूची को जारी करे.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सदन में एक फिर जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया. उनका कहना था कि जातियों की गणना के बिना विकास संभव नहीं है. भाजपा ने सरकारी सेवा में पिछड़ों की गिनती करायी थी, उस आंकड़ा को भी जारी करने की जरूरत है. कहा कि रामचरितमानस के खिलाफ नहीं हैं, नहीं इसके बारे में पूछा था. बस नेता सदन से पूछा था कि वह यह बताएं कि शुद्र क्या है. अपनी उस घटना का भी जिक्र किया जिसमें उनके जाने के बाद घर को गंगाजल से धुलवाया गया था. अखिलेश कहते हैं कि भगवान सभी के हैं.