सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद हल करते हुए एक ओर जहां अयोध्या में श्रीराम का मंदिर बनाने का रास्ता साफ किया, वहीं मस्जिद के लिए सरकार से दूसरी जगह पांच एकड़ जमीन भी दिलवाई. इस जमीन पर 26 जनवरी को मस्जिद की नींव रखी गयी है. अब एआईएमएआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने उस बनने वाली मस्जिद पर अजीब बयान दिया है.
ओवैसी ने कहा है कि अयोध्या में बनने वाली मस्जिद में नमाज पढ़ना हराम है. उन्होंने कहा कि उस मस्जिद के निर्माण के लिए चंदा देना भी गलत है. उन्होंने कहा कि मस्जिद बनाने वालों को चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए. बता दें कि अयोध्या में मस्जिद बनाने का जिम्मा भारत-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) का है. पिछले दिनों की ट्रस्ट ने मस्जिद के नये डिजाइन का खुलासा किया था.
ओवैसी ने कहा कि पाखंडी लोगों का एक समूह बाबरी मस्जिद के बदले पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद का निर्माण कर रहा है. यह वास्तव में एक मस्जिद नहीं बल्कि ‘मस्जिद-ए-जिरार’ है. मुहम्मद उर रसूलुल्लाह के समय में, पाखंडी लोगों ने मुसलमानों की मदद करने के नाम पर एक मस्जिद का निर्माण किया था, लेकिन वास्तव में, उनका उद्देश्य उस मस्जिद में पैगंबर (PBUH) को खत्म करना और इस्लाम को नुकसान पहुंचाना था.
ओवैसी ने कहा कि मैंने कई उलेमाओं से पूछा, लेकिन सभी का यही कहना है कि उस मस्जिद में नमाज पढ़ना हराम है. उस मस्जिद के निर्माण के लिए किसी भी प्रकार का चंदा देना भी गलत होगा. ओवैसी ने कहा कि मस्जिद निर्माण में लगे पाखंडियों को चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए. ओवैसी के इस बयान की कई बड़े नेताओं ने आलोचना की है.
मस्जिद बनाने वाले ट्रस्ट ने जो नये डिजाइन का खुलासा किया है, इस डिजाइन में मस्जिद परिसर में एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल, एक कम्यूनिटी हॉल, किचन और लाइब्रेरी होगा. यह मसजिद अयोध्या के धनीपुर गांव में बनने वाला है. जानकारों ने बताया कि यह मस्जिद पारंपरिक शैली की मस्जिद नहीं होगी. इसमें न तो गुंबद होगा और न ही कोई मिनार.
Posted By: Amlesh Nandan.