ITR Filing Deadline : आयकर रिटर्न भरने करने की अंतिम तारीख करीब आ गई है. वैसे तो सरकार अक्सर समय सीमा बढ़ाती रहती है, लेकिन उसने अब तक कोई घोषणा नहीं की है, इसलिए करदाताओं के पास अपना आईटीआर फाइल करने के लिए 17 दिन हैं. असेसमेंट ईयर 2023-24 यानी वित्त वर्ष 2022-23 के आयकर रिटर्न करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई, 2023 सुनिश्चित की गई है.
आपने अगर इस दौरान कोई एक्स्ट्रा टैक्स भरा है तो आप ITR फाइलिंग के समय रिफंड ले सकते हैं. बता दें, अगर आपका टैक्स देनदारी से ज्यादा है तो आप ITR फाइलिंग के समय रिफंड पाने के लिए हकदार होते हैं और एक्स्ट्रा टैक्स रिफंड क्लेम कर सकते हैं. हालांकि, इसके लिए आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय कुछ डाक्यूमेंट्स लगाकर ये दिखाना होता है कि आप कितना टैक्स देने के हकदार हैं और कितना एक्स्ट्रा पैसा आपकी जेब से लग रहा है. आइए आपको बताते हैं कि आप कैसे रिफंड पा सकते हैं.
सबसे पहले अगर आपको टैक्स रिफंड चाहिए तो समय पर ITR फाइल करना बहुत जरुरी है. समय पर ITR फाइल न करने से आपको बिलेटेड इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए भारी भरकम जुर्माना और ब्याज भरना पड़ सकता है. साथ ही आपको आपको ऐसी टैक्स स्लैब सेलेक्ट करनी चाहिए जो आपके लिए बेहतर हो.
बता दें, सरकार इस साल बजट में नई टैक्स स्लैब लेकर आई है. जिसके तहत लोगों कि 7 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री है. ऐसे में आपको आपके लिए बेहतर टैक्स स्लैब चुननी चाहिए. इसके अलावा अपनी बैंक अकाउंट डिटेल भी सही से भरें ताकि आपको रिफंड मिलने में कोई दिक्कत न हो.
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद आपको 30 दिन के अंदर उसे वेरीफाई करना होता है. अगर आपने अपनी डिटेल्स को वेरीफाई नहीं किया तो ये इनवैलिड हो जायेगा. वहीं, अगर ITR फाइलिंग की डेडलाइन खत्म नहीं हुई है तो आप नया ITR फाइल कर सकते हैं. अगर डेडलाइन खत्म हो गई है तो आप उस फाइनेंसियल ईयर के लिए ITR रिटर्न फाइल नहीं कर सकते हैं.
ITR फाइलिंग के दौरान ज्यादा टैक्स बचाने के लिए आप इनकम टैक्स एक्ट के तहत कई धाराओं में टैक्स बचा सकते हैं. इसमें PF, PPF, NPS, लाइफ इंश्योरेंस, होम लोन, म्यूचुअल फंड समेत कई तरीकों से आप टैक्स की देनदारी से बच सकते हैं. साथ ही एक्स्ट्रा टैक्स दिया अमाउंट भी रिफंड पा सकते हैं.
अगर TDS कट गया है तो रिटर्न भरते समय क्लेम करना चाहिए, कई बार बैंक अकाउंट अपडेट नहीं होने के वजह से रिफंड फंस जाता है. साथ ही कैपिटल गेन पर भी टैक्स देना होता है. इसमें किसी भी तरह के निवेश से अगर आय होती है तो उसे आयकर में दर्शाना पड़ता है. प्रापर्टी बेचने पर इंडेक्स वैल्यू निकालकर टैक्स का मूल्यांकन किया जाता है.
बहुत से लोगों के आधार से पैन कार्ड लिंक हो चुके हैं, जिन लोगों के लिंक नहीं हुए हैं. वे 30 जून के बाद अमान्य हो गए हैं. आयकर की वेबसाइट पर जाकर 1000 शुल्क देकर पैन कार्ड और आधार कार्ड को लिंक करवा सकते हैं. इसके बाद पैन कार्ड चालू हो जाएगा.
ऐसे लोग जिनके सरनेम या जन्मतिथि में बदलाव है, वे पैन कार्ड में भी इसे अपडेट करा लें. क्योंकि पैन कार्ड, बैंक या आधार कार्ड में सरनेम में अंतर होने पर रिटर्न अमान्य हो सकता है. आमतौर पर यह शादी के बाद महिलाओं के सरनेम में बदलाव होने की वजह से परेशानी होती है इसलिए सभी अभिलेखों में सरनेम, जन्मतिथि और पता अपडेट रखना चाहिए. हमारे बताए गए स्टेप्स को आसानी से फॉलो करके आपने काम को आसान बना सकती हैं. तो चलिए हन आपको पैन कार्ड में सरनेम चेंज करने के आसान प्रोसेस के बारे में बताते हैं.
पैन कार्ड में एड्रेस और सरनेम पैन कार्ड में बदलाव करने के लिए आप https://www.onlineservices.nsdl.com/paam/endUserRegisterContact.html के लिंक पर क्लिक करें.
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यहां क्लिक करने करने पर आपके सामने एक फॉर्म भरना होगा.
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यहां दिए गए फार्म में आपको मांगी गई सारी जानकारी फील करनी होगा.
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फॉर्म फील करने के बाद इसे ऑनलाइन ही जमा करना होगा.
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फिर आपको उस सेल का चुनाव करें जो आपके नाम के सामने बना हो और उसमें अपना पैन मेंशन करें.
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ऊपर दी गई जानकारी को वेरिफाई करना पड़ेगा.
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फिर सारी जानकारी को आगे वेलिडेट करना पड़ेगा.
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आखिर में आपको इसे Submit करना पड़ेगा.
ऊपर दी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद आपको इसका शुल्क भी देना होगा. इसके लिए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग आदि किसी भी आप्शन से पैन में सरनेम चेंज करने के लिए शुल्क जमा कर सकते हैं. भारत में रहने वाले को 110 रुपये जमा करना होगा. वहीं भारत से बाहर रहने वाले को 1020 रुपये का शुल्क देना होगा. इसके बाद आप सरनेम चेंज करने के लिए एप्लीकेशन को फील करके पोस्ट के माध्यम से NSDL भेज दें. इसके बाद आपके पैन कार्ड में नाम और एड्रेस का बदलाव हो जाएगा.