लखनऊ. बेसिक शिक्षा विभाग ने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का लाभ लेने के लिए फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज लगाने वाले शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का मन बना लिया है. असाध्य रोग, विकलांगता तथा अन्य फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर भारांक लेने की शिकायतों के बाद योगी सरकार एक्शन आ गई है. ऐसे शिक्षकों को अंतिम मौका दिया है कि वह अपने दस्तावेज वापस लेकर बीएसए कार्यालय को सही जानकारी दे दें. जांच में दोषी पाए जाने पर विधिक कार्रवाई की चेतावनी दी है.
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि विभिन्न स्रोतों से शिकायतें प्राप्त हुईं हैं. तबादला भारांक के आधार पर किया जा रहा है, ऐसे में कोई गलत दस्तावेज के आधार पर अनुचित लाभ न उठा ले यह सुनिश्चित किया जा रहा है. धोखाधड़ी करने वाले शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी जाएगी. सेवा से बर्खास्तगी तक की जा सकती है.
Also Read: इन शिक्षकों का होगा तबादला, ऑनलाइन आवेदन को नहीं खुला पोर्टल, ट्रांसफर के आधार अंक पर शिक्षक आपस में बंटे
उप्र बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने 8 जून को सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था. तबादला में अंकों का मानक तय कर दिया गया है. तबादला की अधिसूचना जारी होते ही असाध्य रोगियों की संख्या एकदम बढ़ गई है. स्थिति यह है कि प्रत्येक जिला में जितने शिक्षकों का ट्रांसफर किया जाना है उसके मुकाबले बड़ी संख्या में असाध्य रोग और सरकारी नौकरी के आधार पर भारांक लेने वालों ने आवेदन किया है.
Also Read: बेसिक टीचर्स तबादला नीति के विरोध में लामबंद हो रहे शिक्षक, कोई कोर्ट गया, किसी ने CM तक पहुंचाई शिकायत
सेवा के प्रत्येक पूर्ण वर्ष के लिए – 1 अंक
दिव्यांग अध्यापक/अध्यापिका – 10 अंक
असाध्य गंभीर रोग से पीड़ित- 20अंक
सरकारी सेवा वाले पति – पत्नी – 10 अंक
एकल अभिभावक – 10 अंक
महिला – 10
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त अध्यापक/अध्यापिका – 05
राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक/शिक्षिका- 03