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जिस हवेली में गांधी रुके उसकी नहीं ली सुधि , बापू को श्रद्धांजलि देने के लिए शुरू हुए अभियान में स्मारक भूले

2 अक्टूबर को पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154 वी जयंती मनाएगा. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर एक हफ्ते तक स्वच्छता पखवाड़ा चलाया जाएगा. आगरा के यमुना ब्रिज पर स्थित गांधी स्मारक की बदहाली बयां कर रही है कि उसे नेता - प्रशासनिक अधिकारी भूल चुके हैं.

आगरा. 2 अक्टूबर को पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154 वी जयंती मनाएगा. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आव्हान पर एक हफ्ते तक स्वच्छता पखवाड़ा चलाया जाएगा. जिसे स्वच्छांजलि का नाम दिया गया है. इस दौरान 1 अक्टूबर सुबह 10:00 बजे से देश के तमाम इलाकों में और आगरा के करीब 75 स्थान पर स्वच्छता अभियान चलाया गया. जिसमें उत्तर प्रदेश के नगर विकास सौर ऊर्जा मंत्री डॉ ए के शर्मा के साथ जिला प्रशासन समेत तमाम जनप्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. लेकिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती से एक दिन पहले शुरू किए गए इस अभियान के दूसरी तरफ एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली जिसने स्वच्छांजली अभियान की पोल खोल कर रख दी.

यमुना ब्रिज क्षेत्र के गांधी स्मारक के हालात बदहाल

आगरा के यमुना ब्रिज क्षेत्र में स्थित गांधी स्मारक के हालात कुछ ऐसी ही तस्वीर बयां कर रहे हैं. बता दे 10 सितंबर 1929 को महात्मा गांधी अपने कुछ समर्थकों के साथ इस हवेली में आए थे. करीब 10 दिनों तक उन्होंने यहां प्रवास किया. इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम को लेकर लोगों से चर्चा व प्रमुख बैठकें की थी. महात्मा गांधी के जाने के बाद इस हवेली के मालिक आगरा के प्रमुख जोहरी व व्यवसाई रामकृष्ण मेहरा के पुत्र बृजमोहन दास मेहरा ने 1948 में महात्मा गांधी के निधन के बाद यह हवेली गांधी स्मारक के लिए दान कर दी थी.

इस हवेली में गांधी जी के प्रवास के दौरान उनके उपयोग में लाई गई कुछ चीज संभाल कर रखी गई थी. जिनमें गांधी जी का चरखा, घड़ी, उनका चश्मा आदि हैं. और इसके साथ गांधीजी की चरखा चलाते हुए एक मूर्ति भी यहां पर मौजूद है. लेकिन इस मूर्ति व गांधीजी के अन्य सामान की हालत काफी खराब है. मूर्ति क्षतिग्रस्त हो चुकी है और इसे ढकने के लिए जिला प्रशासन के पास एक कपड़ा तक नहीं है. साथ ही उनकी घड़ी, उनका चरखा व अन्य तस्वीरों पर धूल जमी हुई है. तस्वीरें एक कोने में पड़ी हुई हैं.

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साल में एक बार ही याद आते हैं बापू 

गांधी स्मारक का रख रखाव करने वाले जगदीश यादव का कहना है कि पूरे वर्ष में सिर्फ गांधी जयंती के दिन इस स्मारक को याद किया जाता है. इस दौरान कोई जनप्रतिनिधि या गांधी जी का समर्थक यहां आकर उनकी मूर्ति के ऊपर माल्यार्पण कर देते हैं. फोटो खिंचवा कर चले जाते हैं. आज तक किसी जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन के अधिकारी ने ना तो गांधी जी की मूर्ति को सही करवाने की जहमत उठाई और ना ही उनकी मूर्ति को एक कपड़ा ही पहनाया.

गांधी स्मारक के पीछे मौजूद बाउंड्री कई साल पहले टूटी 

जगदीश यादव ने बताया कि कई बार मैंने खुद कपड़ा डालकर गांधीजी की मूर्ति को ढका है. जहां देश भर में 1 अक्टूबर से महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए स्वच्छांजलि के तहत सफाई अभियान चलाया गया. यमुना ब्रिज पर स्थित गांधी स्मारक प्रशासन की अनदेखी का शिकार है. गांधी स्मारक के पीछे मौजूद बाउंड्री कई साल पहले ही टूट चुकी है. ऐसे में जिस चबूतरे पर बैठकर महात्मा गांधी ने लोगों को संबोधित किया. उसी चबूतरे पर रोज शाम को अराजक तत्व आकर शराब पीते हैं और गाली गलौज करते हैं.

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