लखनऊ : पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी को एसीजेएम कोर्ट लखनऊ से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने मुख्तार अंसारी, लालजी यादव, युसूफ चिश्ती, कल्लू पंडित, प्रभु जिंदर सिंह और आलम को 23 साल पुराने मामले में दोषमुक्त कर दिया. यह मामला लखनऊ जेल में जेल कर्मियों के साथ मारपीट का था. इस केस में आलमबाग थाने में वर्ष 2000 में आईपीसी की धारा 147, 336, 353, और 506 के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी. लखनऊ में दर्ज इस केस में फिलहाल सभी अभियुक्त जमानत पर हैं. कोर्ट में बंध पत्र निरस्त करते हुए अभियुक्तों को प्रतिभूतियों को उनके दायित्वों से मुक्त किया. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्तों पर लगाए गए आरोप संदेह से परे साबित करने में अभियोजन असफल रहा है. एसीजेएम तृतीय लखनऊ अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने सभी आरोपियों को दोष मुक्त किया है.
इस मामले में आरोप में लगाया गया था कि 29 मार्च, 2000 को शाम करीब छह बजे पेशी से वापसी के बाद जब बंदी जेल में जा रहे थे, उसी समय माफिया विधायक मुख्तार अंसारी अपने साथियों युसूफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित, प्रभु जिंदर सिंह एवं लालजी यादव के साथ कैदी चांद के बैरक में घुस गए और उसे मारना शुरू कर दिया. आरोप था कि जब जेलर व उप जेलर ने चांद को बचाने का प्रयास किया तो आरोपियों ने जेल के अधिकारियों व प्रधान बंदी रक्षक स्वामी दयाल अवस्थी पर हमला बोल दिया. यह भी आरोप था कि अलार्म बजने पर पर आरोपी पथराव करते हुए अपने-अपने बैरक में चले गए तथा दोनों जेल अधिकारियों को धमकी दी थी कि उन्हें व उनके परिवार को जान से मार दिया जाएगा.
Also Read: यूपी के मुख्तार अंसारी का सहयोगी बिहार के कैमूर से गिरफ्तार, कई मामलों में चल रहा था फरार