पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा आने वाले पांच राज्यों के चुनाव में महत्वपूर्ण है. इस बार चुनाव में सरकारी कर्मचारी वोट फॉर ओपीएस का नारा लगा रहे हैं. 1 अक्टूबर को दिल्ली में बड़ी रैली करके कर्मचारियों-शिक्षकों ने अपने मनसूबे बता दिये थे. अब पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा हो गयी है. इनमें दो राज्यों छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पेंशन बहाल हो चुकी है. जबकि तीन अन्य राज्यों के कर्मचारियों मिजोरम, तेलंगाना, मध्य प्रदेश के कर्मचारी इसका इंतजार कर रहे हैं.
एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु का कहना है कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और राजस्थान सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बहाल की है. कर्नाटक सरकार भी इस पर काम कर रही है. केवल पांच राज्यों के विधानसभा में ही नहीं, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी पुरानी पेंशन का मुद्दा अहम रहेगा. पांच राज्यों होने वाले विधानसभा चुनाव में पुरानी पेंशन निर्णायक भूमिका में होगी. इस चुनाव में वोट फॉर ओपीएस का मुद्दा प्रमुख होगा. क्योंकि दो राज्यों में पुरानी पेंशन बचाने और तीन राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली के लिये कर्मचारी और उनके परिवार वोट डालेंगे.
विजय कुमार बंधु ने कहा कि दिल्ली में लाखों की संख्या में देश भर से कर्मचारी इकठ्ठा हुए थे. यह अभी तक की सबसे बड़ स्वत:स्फूर्त रैली थी. इसमें नॉर्थ ईस्ट से लेकर राजस्थान, गुजरात, कश्मीर से लेकर दक्षिण भारत के कर्मचारी शामिल हुए थे. यदि राजनीतिक दल अभी भी नहीं चेते तो उन्हें कर्मचारी अपने वोट से जवाब देंगे. पुरानी पेंशन कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी है.