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Online Attendance: यूपी के शिक्षकों को मिली राहत, ऑनलाइन अटेंडेंस दो महीने के लिए स्थगित, कमेटी सुनेगी समस्याएं

Online Attendance: प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को दो महीने के लिए ऑनलाइन अटेंडेंस से छुटकारा मिल गया है. सोमवार को प्रदेश भर में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया था. शिक्षक लगातार डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम का बहिष्कार कर रहे हैं.

लखनऊ: यूपी में शिक्षकों के ऑनलाइन अटेंडेस (Online Attendance) के मामले में सरकार ने अपने कदम वापस खींच लिए हैं. सरकार ने ऑनलाइन अटेंडेंस लगाने के आदेश पर दो महीने की रोक लगा दी है. मुख्य सचिव व शिक्षकों के संगठनों के साथ मंगलवार को हुई बैठक में ये फैसला लिया गया है. इसी के साथ एक कमेटी का गठन किय गया है, जो शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करेगी. ये कमेटी छह महीने के अंदर शिक्षकों की समस्याओं के निस्तारण पर कार्य करेगी. शिक्षकों की मांगों से संबंधित प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.

8 जुलाई से शिक्षक कर रहे प्रदर्शन

यूपी के महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने 5 जुलाई को एक आदेश ऑनलाइन अटेंडेंस से संबंधित एक आदेश जारी किया था. इसमें बेसिक शिक्षा परिषद को सभी स्कूलों के शिक्षकों के लिए 8 जुलाई से ऑनलाइन अटेंडेंस अनिवार्य की गई थी. लेकिन इस आदेश का शिक्षकों ने विरोध शुरू कर दिया. काफी कोशिशों के बाद भी ऑनलाइन अटेंडेंस का आंकड़ा एक प्रतिशत को पार नहीं किया. शिक्षकों ने ऑनलाइन अटेंडेंस का बहिष्कार करने के साथ ही अपनी समस्याओं को लेकर आंदोलन शुरू किया. इसी के तहत 15 जुलाई को प्रदेश भर में डीएम के माध्यम से ज्ञापन और सामूहिक इस्तीफा का अभियान शुरू किया गया. लेकिन इस आंदोलन के अगले ही दिन सरकार ने ऑनलाइन अटेंडेंस के आदेश को दो महीने के लिए स्थगित कर दिया.

शिक्षकों का 13 सूत्रीय मांग पत्र

  • अन्य विभागों की तरह आकस्मिक अवकाश की श्रेणी में बेसिक शिक्षकों को भी न्यूनतम 15 हाफ डे लीव अवकाश का विकल्प दिया जाए. जिससे आकस्मिकता की स्थिति में शिक्षक हाफ डे लीव अवकाश का उपभोग कर सकें.
  • बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की तरह 30 ईएल दी जाए. यदि इसमें कोई विशेष विधिक समस्या है तो महाविद्यालयों के शिक्षकों की भांति बेसिक शिक्षा विभाग में भी प्रिविलेज अवकाश (PL) दिया जाए.
  • बेसिक शिक्षा विभाग में भी अवकाश के दिनों में कार्य करने पर देय ‘प्रतिकर अवकाश’ का विकल्प मानव संपदा पोर्टल पर दिया जाए.
  • किसी आकस्मिक घटना अथवा आपदा की स्थिति में यदि शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी निर्धारित समय के पश्चात 1 घंटे की अवधि या माह में अधिकतम 5 घंटे तक देरी से उपस्थित होने पर अनुपस्थित न माना जाए.
  • बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी राज्य कर्मचारियों की तरह निःशुल्क कैशलेश चिकित्सा दी जाए.
  • प्राकृतिक आपदा/स्थानीय स्तर पर मौसम की प्रतिकूलता, जनपद स्तरीय विभागीय कार्यक्रमों में प्रतिभागिता की स्थिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ऑनलाइन उपस्थिति से शिथिलता प्रदान करने का अधिकार दिया जाए.
  • ऑनलाइन उपस्थिति सहित पंजिकाओं का डिजिटालाइजेशन सर्वर की उपलब्धता व टैबलेट के सुचारू संचालन के अधीन है. इसलिए एक समय मे अधिक लोड से सर्वर क्रैश होने अथवा टैबलेट के खराब होने पर वकल्पिक व्यवस्था का स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया जाए.
  • डिजिटाइजेशन की वर्तमान ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था भेदभाव पूर्ण,असुरक्षा की भावना व शोषणकारी होने से शिक्षक की सृजनात्मक क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. जिससे शिक्षण कार्य भी प्रभावित होगा. इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग में ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था महानिदेशक कार्यालय से लेकर विद्यालय स्तर तक कार्य करने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के समस्त घटक कार्यालयों पर समान रूप से लागू किया जाए.
  • शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्त किया जाए. शिक्षकों, शिक्षिकाओं से लिए जाने वाले कार्यों की सूची जारी की जाए.
  • प्रमोशन, सामान्य स्थानांतरण, पारस्परिक-जनपदीय, अंतर्जनपदीय स्थानांतरण, समायोजन शीघ्र ससमय कराए जाएं.
  • 17140/18150 लंबित प्रोन्नत वेतन विसंगति की समस्या शीघ्र निस्तारित की जाए.
  • शिक्षामित्र, अनुदेशकों को सम्मानजनक मानदेय दिया जाए. शिक्षकों की तरह पारस्परिक व सामान्य स्थानांतरण सहित अन्य समस्याओं का निस्तारण किया जाए.
  • रसोइयों से 11 माह का कार्य लिया जाता है. लेकिन 10 माह का ही मानदेय दिया जाता है. इसलिए रसोइयों को 11 माह का मानदेय दिया जाए.

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