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Indian Railways: दिल्ली के इन दो स्टेशनों पर नहीं मिलेगा प्लेटफॉर्म टिकट, रेलवे ने इस वजह से लिया फैसला

Indian Railways: उत्तर रेलवे ने यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को नियंत्रित करने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली के इन दोनों स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री 13 से 18 नवंबर तक अस्थायी रूप से बंद कर दी है.

Indian Railways: भारतीय रेलवे ने दिवाली और छठ पूजा पर उमड़ते भीड़ को देखते हुए नई दिल्ली और आनंद विहार स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री बंद कर दिया है. उत्तर रेलवे ने यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को नियंत्रित करने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली के इन दोनों स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री 13 से 18 नवंबर तक अस्थायी रूप से बंद कर दी है. हालांकि केवल सीनियर सिटीजन, अशिक्षित और महिला यात्रियों आदि की सहायता के लिए स्टेशनों पर आने वाले व्यक्ति जो अपनी सुरक्षा करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें इस प्रतिबंध से छूट दी जाएगी. दरअसल, देश में त्योहारी सीजन के दौरान ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ बढ़ गई है. दिवाली और अब छठ के त्योहार के चलते रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की काफी भीड़ भाड़ है. अभी हाल ही में दीवाली और छठ के पर्व पर घर जाने की जद्दोजहद के बीच गुजरात के सूरत रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना सामने आई है.

सूरत जैसी घटना से भी बचा जा सकेगा- रेलवे

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें एक बेहोश हुए यात्री की मौत भी हो गई. सूरत रेलवे स्टेशन पर दीवाली के मौके पर घर पहुंचने के लिए पिछले कई दिनों से भारी भीड़ सामने आ रही थी. इस बीच जैसे ही छपरा जा रही ट्रेन स्टेशन पर पहुंची तो यात्रियों में भगदड़ मच गई. भगदड़ में काफी यात्रियों के गिरने से चोट गई थी. रेलवे के मुताबिक, प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री रोके जाने से यात्रियों को सुविधा रहेगी. इससे स्टेशन पर सूरत जैसी घटना से भी बचा जा सकेगा. रेलवे स्टेशन पर सिर्फ वही लोग होंगे जो यात्रा कर रहे होंगे. इससे भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलेगी.

यात्री को पांच साल बाद मिला न्याय, रेलवे को देने होंगे इतने रुपये

आगरा के कमला नगर के एक युवक ने बांदा से आगरा कैंट आने के लिए तत्काल कोटे से टिकट बुक कराया. पर, यात्रा के दिन ट्रेन में आवंटित कोच लगा ही नहीं था. उन्हें 440 रुपये कम वाले दर्जे में यात्रा करानी पड़ी. शिकायत के बाद भी रुपये वापस न होने पर उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया गया. करीब पांच साल चली सुनवाई के बाद फोरम अध्यक्ष ने रेलवे को टिकट के अंतर के रुपये और वाद व्यय की रकम साथ प्रतिशत ब्याज सहित देने के आदेश दिए हैं. मामला कमला नगर निवासी मुन्नालाल का है. उन्होंने बताया कि 8 सितंबर 2017 को बांदा से आगरा कैंट आने के लिए तत्काल कोटे में 1570 रुपये में संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के द्वितीय श्रेणी एसी कोच का टिकट बुक कराया था. 9 सितंबर को रेलवे स्टेशन पहुंचे तो ट्रेन में वह कोच नहीं था.

टीटी ने उन्हें एसी के तृतीय श्रेणी कोच में बैठा दिया, जिसका किराया 440 रुपये कम था. उन्होंने 28 नवंबर 2017 को रेलवे को नोटिस भेजा था. जिसका रेलवे ने 10 अप्रैल 2018 को गलत जवाब दिया. इसके बाद डीआरएम नॉर्थ सेंटर रेलवे, झांसी स्टेशन मास्टर, बांदा रेलवे स्टेशन, कामर्शियल मैनेजर रिफंड कार्यालय नई दिल्ली और डीआरएम आगरा व अन्य से संबंधित टीटी के विरुद्ध वाद दायर किया गया था. जिला उपभोक्ता फोरम प्रथम के अध्यक्ष सर्वेश कुमार और सदस्य अरुण कुमार ने रेलवे को 45 दिन के अंदर टिकट के बचे 440 रुपये और मानसिक उत्पीड़न और वाद व्यय के रूप में 8000 रुपये मुकदमे की तारीख से सात प्रतिशत ब्याज सहित देने के आदेश किए.

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