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Air Pollution: दिवाली की आतिशबाजी से गैस चैंबर बने UP के शहर, जानें लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद का हाल

यूपी के कई शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति में पहुंच गया है. यूपी के नोएडा, गाजियाबाद, बरेली और मेरठ में एयर क्वलिटी इंडेक्स (AQI) में तेजी से बढ़ोतरी हुई है

Lucknow News: दीपावली पर हुई आतिशबाजी के बाद से यूपी के कई शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति में पहुंच गया है. यूपी के नोएडा, गाजियाबाद, बरेली और मेरठ में एयर क्वलिटी इंडेक्स (AQI) में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इन सभी शहरों में शुक्रवार सुबह से ही धुंध की सफेद चादर छाई हुई है.

गाजियाबद, नोएडा में प्रदूषण का हाल

देश की राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में दिवाली पर आतिशबाजी के चलते आसमान में प्रदूषण की चादर छाई रही. गाजियाबाद में वायु प्रदूषण का स्तर 470 के खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, जोकि पिछली दीपावली के एक दिन बाद हुए प्रदूषण से कहीं ज्यादा है. इसके अलावा, नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 475 पर पहुंच गया.

लखनऊ में एक्यूआई स्तर 302 पर

लखनऊ में शुक्रवार शुबह से ही लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ महसूस होने लगी. राजधानी में शुक्रवार को एक्यूआई स्तर 302 पर पहुंच गया जोकि हवा की ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है.

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मेरठ में प्रदूषण का हाल

मेरठ में दिवाली की आतिशबाजी के चलते शुक्रवार सुबह पूरा शहर धुंध की चादर में लिपटा रहा. शहर में गुरुवार रात करीब नौ बजे से शुक्रवार रात आठ बजे तक पीएम-10 और पीएम-2.5 का स्तर 500 दर्ज किया गया.

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बरेली में वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से पांच गुना अधिक दर्ज किया गया है. शहर में एसपीएम, आरएसपीएम और सल्फर की मात्रा भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. बरेली में ध्वनि प्रदूषण भी 300 डेसिबल से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है.

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वायु प्रदूषण से हो रही परेशानी

कोरोना के बाद अब प्रदूषण के चलते लोगों को अलग-अलग तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदूषण का स्तर बढ़ने से बुजुर्ग और सांस के मरीजों को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है. इसके अलावा आंखों में जलन जैसी परेशानी भी हो रही है.

क्या है वायु प्रदूषण का कारण?

उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड रीजनल ऑफिसर के अनुसार, सर्दियों में तापमान में कमी के साथ ही हवा भी ठंडी होकर वायुमंडल के सबसे निचले स्तर में रह जाती है. इसके चलते हवा में मौजूद पीएम-2.5 और 10 के डस्ट पार्टिकल और जहरीली गैसें भी वायुमंडल के ऊपरी हिस्से में नहीं जा पाती है. इस कारण से ही पॉल्यूशन बढ़ता है.

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