अयोध्या: श्री रामलला के दर्शन के आने वाले भक्तों को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से प्रसाद मिलेगा. 22 जनवरी के बाद से यह व्यवस्था लागू होगी. श्रद्धालु वहां प्रसाद नहीं चढ़ा सकेंगे. वह सर्फ अपने रामलला को निहार सकेंगे. उनकी बलैया लेंगे और शीश नवाएंगे. प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन रामलाल की तीन बार आरती होगी. पूजा रामानंदी परंपरा से होगी. वस्त्र दिन और मौसम के अनुसार पहनाए जाएंगे. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद विधिवत पूजा अर्चना के लिए राम सेवा विधान समिति को जिम्मेदारी दी गई है. रामलला को जगाने से लेकर उन्हें सुलाने तक पूरा शेड्यूल यही समिति तय कर रही है.
सुबह की आरती 6.30 बजे
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बताया जा रहा है कि रामलला की पहली आरती सुबह 6.30 बजे होगी. दोपहर 12 बजे भोग आरती होगी. शाम को 7.30 बजे भोग आरती होगी. 8.30 बजे रामलला शयन करेंगे. दर्शन की व्यवस्था 7.30 बजे तक होगी.
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रामलला की तीनों आरती में भक्तों को शामिल होने का मौका मिलेगा. एक बार में 30 श्रद्धालु आरती में शामिल हो सकेंगे. जिसे बाद में और बढ़ाया जा सकता है. आरती के लिए पास राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट जारी करेगा. इसके लिए एक पहचान पत्र देना होगा.
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दर्शन के लिए सिंह द्वार से श्रद्धालुओं को एंट्री मिलेगी. गर्भ गृह में विराजमान रामलला के दर्शन के बाद भक्त निर्धारित रास्ते से बाहर निकल जाएंगे.
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श्री रामलला को चार बार भोग लगेगा. प्रत्येक दिन समय के अनुसार अलग-अलग व्यंजन परोसे जाएंगे. भोजन राम मंदिर की रसोई में बनेगा. सुबह की शुरुआत बाल भोग से होगी. दोपहर में राजभोग, संध्या आरती भोग और फिर रात्रि भोग होगा. सुबह के भोग में रबड़ी, पेड़ा या अन्य मिष्ठान्न दिया जाएगा. दोपहर को पूरा भोजन दिया जाएगा. शाम को मिष्ठान्न और फिर रात को पूरा भोजन दिया जाएगा.
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