लखनऊ. सुरक्षा बल के रामपुर कैंप पर हमला की साजिश के शामिल तीन अभियुक्तों को एनआइए कोर्ट ने एक अन्य मामने में उम्रकैद और 18-18 हजार रुपये के जुर्मााना की सजा सुनायी गयी है. विशेष अदालत ने तीनों आतंकी सबाउद्दीन उर्फ सबा, इमरान शहजाद उर्फ ओसामा और मोहम्मद फारुख उर्फ जुल्फकार को देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के साथ- साथ एके 47 गन और गोला बारूद रखने का दोषी पाया है. 31 दिसंबर 2007 को रामपुर में सीआरपीएफ कैम्प पर आतंकी हमला में सात जवान शहीद हो गये थे. एक अन्य की भी मौत हो गयी थी. कोर्ट ने अपना फैसला जब सुनाया तीनों आतंकी जेल से ही आनलाइन सुनवाई के लिये मौजूद रहे. सभी आतंकी आठ साल पहले नौचंदी एक्सप्रेस से चारबाग स्टेशन पर एके-47, ग्रेनेड के साथ पकड़े गये थे.
धारा 123 में 10 वर्ष का कारावास और 5000 का जुर्माना, धारा 3/7/25 आर्म्स एक्ट में 05 साल कारावास, 500 रुपए जुर्माना, धारा 3/4/5 के तहत विस्फोटक अधिनियम में दोषी करार देते हुए पांच वर्ष के कठोर करावास और पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनायी है. इसके साथ ही धारा 14ए/5/7ए में विदेशी अधिनियम में पांच वर्ष कारावास, 2500 का जुर्माना की सजा दी गयी है. मुजरिम यदि कोई जुर्माना नहीं देते हैं तो उसके स्थान पर एक माह का अतरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
इस मामले में 24 फरवरी 2008 को लखनऊ से तीन सबाउद्दीन उर्फ सबा, इमरान शहजाद उर्फ ओसामा और मोहम्मद फारुख उर्फ जुल्फकार तथा रामपुर से पांच आरोपी गिरफ्तार किये गये थे. वर्ष 2019 में रामपुर कोर्ट में चार आतंकियो को फांसी की सजा सुनायी गयी थी. इनमें पाक अधिकृत कश्मीर निवासी इमरान शहजाद, मो. फारुख, मो. शरीफ और सबाउद्दीन भी शामिल हैं.