Seema Kushwaha Join BSP: दिल्ली निर्भया गैंगरेप केस लड़ने को लेकर चर्चा में रहीं सीमा कुशवाहा ने गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया. उन्हें बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने लखनऊ में पार्टी की सदस्यता दिलायी. विधानसभा चुनाव से पहले बसपा का यह बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है.
बसपा में शामिल होने के मौके पर सीमा कुशवाहा ने कहा कि वह मजबूर और गरीब लोगों को न्याय दिलाने के लिए फ्री में केस लड़ती हैं. यही काम बसपा अध्यक्ष मायावती भी करती आई हैं. बसपा शासनकाल में उन्होंने जिस तरह कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया था, वह एक नजीर बनी है. मायावती से प्रभावित होकर मैंने बसपा ज्वाइन की है.
सीमा कुशवाहा 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप मामले में पीड़िता का केस लड़ कर चर्चा में आयी थीं. सीमा सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं. जिस समय निर्भया कांड हुआ, उस वक्त सीमा कोर्ट में ट्रेनिंग कर रही थीं. उन्हें जैसे ही इस मामले का पता चला, उन्होंने बिना एक भी रुपये लिए केस लड़ने का फैसला किया. उनकी डर आसान नहीं थी, लेकिन मुश्किल भी नहीं थी.
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सीमा ने निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों को फांसी तक पहुंचाने के लिए सात साल तक लगातार लड़ाई लड़ी. हालांकि उन्होंने 2014 में साकेत कोर्ट से चार दोषियों को मौत की सजा दिलानेमें कामयाब रहीं. इसके बाद 2014 में मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा और फिर 2020 में सुप्रीम कोर्ट, लेकिन दोनों जगह उन्होंने दोषियों को फांसी की सजा दिलाने में कामयाब रहीं..
सीमा कुशवाहा ने हाथरस गैंगरेप हत्याकांड पीड़िता का भी केस लड़ा था. वह रेप पीड़िताओं के लिए फ्री में न्याय दिलाने की मुहिम भी चलाती हैं. सीमा का जन्म 10 जनवरी 1982 को इटावा में हुआ था. उनका पूरा नाम सीमा समृद्धि कुशवाहा है. सीमा इटावा की ग्राम पंचायत बिधिपुर ब्लॉक महेवा के उग्रपुर गांव की निवासी हैं. उनके पिता का नाम बलदीन कुशवाहा और माता का नाम रामकुआरी है. उनके पिता ग्राम प्रधान भी रह चुके हैं.
सीमा कुशवाहा ने 2013 में निर्भया का मामला उठाकर अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके पहले वो कोर्ट में कोई भी केस नहीं लड़ी थीं. निर्भया केस सीमा के करियर का पहला केस था. सीमा का सपना आईएएस बनने का था. उन्होंने इसके लिए भरपूर तैयारी भी की, लेकिन किस्मत में उनके कुछ और ही लिखा था. आज वह देश की जानी मानी वकील हैं.
Posted By: Achyut Kumar